साबुन तेल टूथपेस्ट और ग्रोसरी जैसे रोजमर्रा के सामान बनाने वाली FMCG कंपनियों का खाद्य मुद्रास्फीति और उत्पादन लागत बढ़ने से मार्जिन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसका असर कंपनियों के दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों पर भी दिखा है। FMCG कंपनियां पाम ऑयल कॉफी और कोको जैसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल कच्चे माल के तौर पर करती हैं। इनका पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ा है।
- ऊंची उत्पादन लागत और खाद्य मुद्रास्फीति से सितंबर तिमाही में कंपनियों का लाभ घटा।
- इस्तेमाल में आने वाले सामान मसलन पाम तेल, कॉफी और कोको के दामों में हुई बढ़ोतरी।
हिंदुस्तान यूनिलीवर, गोदरेज, मैरिको और आईटीसी जैसी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कंपनियां उपभोक्ताओं को महंगाई का झटका देने वाली हैं। दरअसल, खाद्य मुद्रास्फीति और उत्पादन लागत बढ़ने से साबुन, तेल, टूथपेस्ट और ग्रोसरी जैसे रोजमर्रा के सामान बनाने वाली FMCG कंपनियों का मार्जिन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसका असर कंपनियों के दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों पर भी दिखा है।
FMCG कंपनियां पाम ऑयल, कॉफी और कोको जैसे प्रोडक्ट का इस्तेमाल कच्चे माल के तौर पर करती हैं। पिछले कुछ दिनों में इन चीजों के दाम में भारी उछाल आई है। इससे कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ गई है, जिसकी भरपाई के लिए कुछ कंपनियां दाम बढ़ाने पर विचार कर रही हैं।