अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद कुछ बदल गया है। अब डर नहीं लगता। डर निकल गया है। भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर फैलाया, छोटे व्यवसायियों पर एजेंसियों पर दबाव बनाया, सब कुछ सेकेंड में गायब हो गया।
उन्होंने कहा, ‘उन्हें यह डर फैलाने में सालों लग गए और कुछ सेकेंड में सब गायब हो गया। संसद में, मैं प्रधानमंत्री को सामने देखता हूं। मैं बता सकता हूं मोदी के विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास बन गया है।’
ये सब बातें राहुल गांधी ने वर्जीनिया के हर्नडन में भारतीय समुदाय के लोगों से कहीं। इसके बाद वे वॉशिंगटन की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी पहुंचे और छात्रों के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कांग्रेस नेता 3 दिन के अमेरिका दौरे पर हैं। नेता विपक्ष के तौर पर उनका ये पहला विदेशी दौरा है।
कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब सही समय होगा। जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपए में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपए में से 5 रुपए मिलते हैं और को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है।
भारत के बिजनेस लीडर्स की लिस्ट देखें। मुझे लगता है कि टॉप 200 में से एक OBC है, जबकि वे भारत में 50% हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं।
भारत के दलित,, आदिवासी को उनका हक नहीं मिल रहा है। देश के 90% आबादी वाले , दलित और आदिवासी इस खेल में ही नहीं हैं। जातिगत जनगणना यह जानने का आसान तरीका है कि निचली जातियां, पिछड़ी जातियां और दलित किस स्थिति में हैं।
देश के सर्वोच्च न्यायालय में देखिए, उनकी कोई भागीदारी नहीं है। मीडिया में देखिए, वहां निचली जातियां,, दलित हैं ही नहीं। हम में से ज्यादातर जाति जनगणना के विचार पर सहमत हैं।
हमारा गठबंधन इस बात पर सहमत है कि भारत के संविधान की रक्षा की जानी चाहिए। भारत के बिजनेस को सिर्फ दो लोग अडानी और अंबानी नहीं चला सकते। हमने बार-बार गठबंधन सरकारें चलाई हैं, जो सफल रही हैं। हमें पूरा यकीन है कि हम ऐसा फिर से कर सकते हैं। गठबंधन का पूरा विचार लोगों को यह बताना था कि भारत पर हमला हो रहा है और यह बहुत सफल रहा।
चुनावों से पहले, हम इस बात पर जोर देते रहे कि संस्थाओं पर कब्जा कर लिया गया है। एजुकेशन सिस्टम परका कब्जा है। मीडिया और जांच एजेंसियों पर उनका कब्जा है। मैंने संविधान को सामने रखना शुरू किया।
अगर संविधान खत्म हो गया, तो पूरा खेल खत्म हो जाएगा। लोगों ने समझा कि जो संविधान की रक्षा कर रहे हैं और जो इसे नष्ट करना चाहते हैं, यह उनके बीच की लड़ाई है। मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव होते तो BJP 246 के करीब होती।
हम समान नागरिक संहिता (UCC) पर तभी कुछ कहेंगे जब पता चलेगा कि BJP का प्रस्ताव क्या है। हमने इसे नहीं देखा है। हमें नहीं पता कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। हमारे लिए इस पर टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है। जब वे इसे लाएंगे, तब हम इसे देखेंगे और इस पर टिप्पणी करेंगे।
हमारी पार्टी के फाइनेंस डिपार्टमेंट के एक व्यक्ति ने बताया कि हमारे सभी खाते सील हो गए। हमारे पास विज्ञापन और कैंपेनिंग तक के पैसे नहीं थे। नेताओं के आने-जाने के लिए भी रकम नहीं थी। मेरे सामने भी ऐसा पहला अनुभव था। ट्रेजरर ने मुझसे कहा था कि पैसे नहीं हैं। मैंने जवाब दिया कि जो होगा, देखा जाएगा। हमने इसी स्पिरिट के साथ आम चुनाव लड़ा।: BJP को समझ में नहीं आता कि ये देश सबका है। भारत एक संघ है। संविधान में साफ लिखा है। भारत एक संघ राज्य है, जिसमें विभिन्न इतिहास, परंपराएं, संगीत और नृत्य शामिल हैं। BJP कहती है कि ये संघ नहीं है, ये अलग है। RSS कहती है कि कुछ राज्य दूसरे राज्यों से कमतर हैं। कुछ भाषाएं दूसरी भाषाओं से, कुछ धर्म दूसरे धर्मों से, कुछ समुदाय दूसरे समुदाय से कमतर हैं। हर राज्य का अपना इतिहास, परंपरा है। RSS की विचारधारा में तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी है, ये कमतर भाषाएं हैं। इसी बात पर लड़ाई है। भारत को नहीं समझती।
– राहुल गांधी ब्रिटेन के दौरे पर थे। उन्होंने और ED का हवाला देते हुए भारत सरकार की तुलना पाकिस्तान सरकार से की थी। ने राहुल पर विदेश में जाकर भारत को बदनाम करने का आरोप लगायाराहुल गांधी नानी से मिलने इटली गए थे। 28 दिसंबर को हर साल कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इसमें वे शामिल नहीं हुए। इस पर विवाद हुआ। कुछ महीने बाद पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर और UP में चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। इसके बाद कई कांग्रेस नेताओं ने इसे राहुल के विदेशी दौरे से जोड़ा। राहुल पर आरोप लगा कि इटली जाने के लिए उन्होंने पंजाब में रैली को कैंसिल करवा दिया। भारत में CAA के खिलाफ बड़ा आंदोलन चल रहा था। राहुल गांधी तब दक्षिण कोरिया चले गए थे। उनकी इस यात्रा को लेकर कई कांग्रेसी नेताओं ने भी सवाल उठाए थे। हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव से सिर्फ 15 दिन पहले राहुल गांधी कंबोडिया चले गए। ने कहा कि राहुल गांधी पर्सनल टूर पर बैंकॉक गए हैं। वहीं, कांग्रेस ने कहा कि वे मेडिटेशन के लिए कम्बोडिया गए हैं।
राहुल गांधी विपक्ष के नेता के तौर पर पहली बार विदेश दौरे पर हैं। वे रविवार को अमेरिका के टेक्सास राज्य पहुंचे। यहां उन्होंने 2 कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। पहले उन्होंने डलास में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। इसके बाद राहुल गांधी ने सोमवार को यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के छात्रों से भारतीय राजनीति, इकोनॉमी और भारत जोड़ो यात्रा समेत कई मुद्दों पर चर्चा की।