लगातार गिरावट के बाद भारतीय रुपया अब मजबूती की ओर बढ़ रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के सक्रिय हस्तक्षेप और बाजार को संतुलित करने के उपायों के बाद विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया धीरे-धीरे सुधार की दिशा में है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम निवेशकों और व्यापारियों के लिए सकारात्मक संकेत है।
मौजूदा वित्तीय माह में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कुछ हद तक कमजोर हुआ था, जिससे आयातकों और एक्सपोर्टरों को अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा था। RBI ने इस स्थिति को देखते हुए बाजार में उचित तरलता उपलब्ध कराई और मुद्रा को स्थिर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि रुपया की यह मजबूती अल्पकालिक राहत देने के साथ ही घरेलू अर्थव्यवस्था और विदेशी निवेश के लिए भी सहायक साबित होगी। वहीं निवेशकों को चेतावनी दी गई है कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के अनुसार मुद्रा में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।








