पूरे वर्ष में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं, जिनमें से शरद पूर्णिमा को विशेष माना जाता है. शरद पूर्णिमा हर साल आश्विन शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. शरद पूर्णिमा की रात को खीर खुले आसमान के नीचे रखी जाती है. क्या आप जानते हैं इस वर्ष शरद पूर्णिमा कब है? शरद पूर्णिमा की रात खीर को चांदनी में रखने का क्या है समय? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से बना होता है और उस रात अमृत बरसाता है
इस वर्ष शरद पूर्णिमा के लिए आवश्यक आश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर, बुधवार को रात 8:40 बजे शुरू होगी. यह तिथि अगले दिन 17 अक्टूबर को शाम 4:55 बजे तक मान्य रहेगी. ऐसे में शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
इस साल शरद पूर्णिमा के दिन रवि योग बन रहा है. शरद पूर्णिमा के दिन सुबह 6.23 बजे से रवि योग बनेगा, जो शाम 7.18 बजे तक रहेगा. उस दिन सुबह ध्रुव योग है.
16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का चंद्रोदय शाम 5:05 बजे होगा. शरद पूर्णिमा की रात को खीर खुले आसमान के नीचे चंद्रमा की किरणों में रखी जाती है. इस साल शरद पूर्णिमा के दिन खीर रखने का समय रात 8 बजकर 40 मिनट है. इस बार शरद पूर्णिमा का चंद्रमा 16 कलाओं से सुसज्जित होकर पूरे विश्व में अपनी किरणें बिखेरेगा.
शरद पूर्णिमा की रात बहुत खास मानी जाती है. इस दिन चंद्रमा दिन की तुलना में रात में अधिक चमकीला होता है, यानी चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से धरती पर अमृत बरसता है. इस रात लोग खीर बनाकर चांदनी में रखते हैं. ऐसा करने से खीर में अमृत मिल जाता है. इस अमृत वाली खीर को खाने से स्वास्थ्य बेहतर होता है और जीवन में परेशानियां दूर होती हैं.