क्या आप जानते हैं कि बहुत घबराहट होने या खुश होने पर आपके पेट में गुदगुदाहट जैसा महसूस होता है? या जब आप बहुत डाउन महसूस करते हैं तो कई बार पेट खराब हो जाता है या भूख नहीं लगती। ऐसा क्यों होता है? इसकी वजह बेहद दिलचस्प है और इसी के बारे में हम इस आर्टिकल में जानने की कोशिश करेंगे।
- आंत और दिमाग का आपस में काफी गहरा संबंध होता है।
- हमारी मेंटल स्टेट हमारी गट हेल्थ को प्रभावित कर सकती है।
- हेल्दी गट के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में सुधार करना जरूरी है।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जब आपको बहुत घबराहट होती है या खुशी होती है, तो आपके पेट में एक अलग-सा एहसास होता है। ऐसा लगता है जैसे गुदगुदी-सी हो रही है। कई बार हमारे इमोशन्स हमारी भूख को भी प्रभावित करते हैं। लेकिन सच में तो पेट में तितलियां होती नहीं हैं और हमारे इमोशन्स का हमारे पाचन तंत्र से क्या लेना-देना है? तो आपको बता दें कि हमारे दिमाग और गट का आपस में सीधा संबंध है। इसी वजह से गट यानी आंत को दूसरा दिमाग भी कहा जाता है।
क्या आप इस बारे में जानते हैं कि ऐसा क्यों है? गट को हमारे शरीर का दूसरा दिमाग कहने के पीछे बेहद खास वजह है। आमतौर पर हम ऐसा मानते हैं कि हमारा दिमाग ही हमारे शरीर के सभी फैसले लेता है, जो काफी हद तक सही भी है। लेकिन आपको बता दें कि गट और दिमाग के बीच सबसे ज्यादा सीधे रूप से जुड़ी हुई नर्व्स हैं। ये नर्व्स दिमाग को गट की स्थिति के बारे में बताती हैं और आंतों को दिमाग की स्थिति के बारे में। इसलिए बेचैनी और घबराहट जैसी कई भावनाओं की वजह से आपके पेट में कुछ-कुछ होता है।