दीवाली का त्योहार यानी स्वादिष्ट पकवान और हर तरफ बस रोशनी ही रोशनी। दीवाली के दिन हर तरफ से बस पटाखों का शोर सुनाई देता है। कई लोग इस मौके पर जश्न मनाने के लिए पटाखे जलाते हैं। हालांकि इसकी वजह से पर्यावरण और सेहत साथ ही आंखों को भी नुकसान हो सकता है। ऐसे में इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- इस साल 31 अक्टूबर को दीवाली का त्योहार मनाया जाता है।
- यह त्योहार हर साल धूमधाम से मनाया जाता है।
- ऐसे में इन दिन पटाखे जलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
पटाखों को बनाने में कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो गंभीर एलर्जी की वजह बम सकते हैं। ऐसे में पटाखे जलाने के बाद अपनी आंखों को न छुएं और न ही रगड़ें। ऐसा करने से आंखों में सूखेपन की समस्या हो सकता है। इसलिए आंखों को सुरक्षा के लिए इस बात का खास ख्याल रखें।
आमतौर पर फुलझड़ियां ज्यादा हानिकारक नहीं होती और सुरक्षित ही लगती हैं, लेकिन कई बार इसकी वजह से कुछ परेशानियां हो सकती हैं। इसकी वजह से कई बार कॉर्निया पर लगी चोट लग सकती हैं, जो पलक झपकते ही गंभीर रासायनिक जलन में बदल सकती है, जिससे विजन को खतरा हो सकता है। ऐसे में फुलझड़ियों को जलाते समय भी अपना ध्यान रखें।
आतिशबाजी देखते समय या पटाखे जलाते समय अपना सिर और चेहरा दूर रखें। गर्म मलबे के साथ-साथ हानिकारक धुएं के अचानक गिरने की वजह से भी आंखों को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसके अलावा किसी भी तरह की अनहोने से निपटने के लिए फर्स्ट एड किट तैयार रखें।