केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैटरी से चलने वाले दोपहिया, एंबुलेंस, ट्रक और तिपहिया वाहनों के लिए दो साल की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएम ई-ड्राइव योजना को मंजूरी दे दी है. सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना है.
अश्विनी वैष्णव ने 11 सितंबर को कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान कहा कि यह निवेश ऑटो और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए पीएलआई योजना से अलग है. पीएम ई-ड्राइव के तहत 88,500 साइटों पर चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 100% समर्थन दिया जाएगा.
पीआईबी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ‘योजना के प्रमुख घटक इस प्रकार हैं – ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य उभरते ईवी को प्रोत्साहित करने के लिए 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन प्रदान किया गया है. इस योजना से 24.79 लाख ई-2डब्ल्यू, 3.16 लाख ई-3डब्ल्यू और 14,028 ई-बसों को सहायता मिलेगी.’
पीएम ई-ड्राइव इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने और विनिर्माण के दूसरे चरण का अनुसरण करता है, जो पांच साल तक चला और 31 मार्च, 2024 को समाप्त हुआ. उस अवधि के दौरान, FAME-II योजना के तहत 13,21,800 ईवी को सब्सिडी दी गई, जिसका कुल परिव्यय 11,500 करोड़ रुपये था.
इस योजना को बाद में 500 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया, जो चार महीने के लिए वैध थी और 31 सितंबर, 2024 तक बढ़ा दी गई थी.