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Wednesday, June 25, 2025

इस फेस्टिव सीजन सोने-चांदी के अलावा ये शानदार ऑप्शन भी मौजूद,

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फेस्टिवल सीजन में ज्वैलरी की डिमांड बढ़ जाती है। अब गोल्ड और सिल्वर के अलावा अब रोज गोल्ड और व्हाइट गोल्ड भी अच्छा ऑप्शन हो गया है। वैसे तो यह गोल्ड से महंगा होता है। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि व्हाइट गोल्ड और रोज गोल्ड में क्या अंतर है और आपके लिए कौन-सा बेहतर ऑप्शन रहेगा।

  1. White Gold और Rose Gold एक दूसरे से काफी अलग है।
  2. इन दोनों की कीमत कैरेट और प्योरिटी पर निर्भर करती है।

फेस्टिवल सीजन में ज्वेलरी खरीदना लोगों को पसंद आती है। दरअसल, भारत में ज्वेलरी की खरीदारी काफी शुभ मानी जाती है। इसके अलावा महिलाओं को ज्वेलरी की शॉपिंग करना काफी पसंद है। ज्वेलरी शॉपिंग की बात आती है तो हमारे ध्यान में गोल्ड, सिल्वर और डायमंड आता है। इसके अलावा भी अब दो मेटल काफी पॉपुलर हो रहे हैं। हम बात कर रहे हैं व्हाइट गोल्ड  और रोज गोल्ड की। इन दोनों गोल्ड को काफी लग्जरी, एस्थेटिक माना जाता है।

कई लोग इन दोनों गोल्ड को लेकर काफी कन्फ्यूज होते हैं। हम आपको इन दोनों के अंतर के साथ बताएंगे कि आपके लिए कौन-सा बेहतर ऑप्शन रहने वाला है।

गोल्ड के कई भी कई प्रकार होते हैं। जो सामान्य सुनार के पास गोल्ड मिलता है वो प्योर गोल्ड होता है। जी हां, हालांकि इसमें भी मिलावट करने के बाद ही ज्वैलरी तैयार की जाती है। वहीं, जो रोज गोल्ड और व्हाइट गोल्ड होता है उसमें भी सोने के साथ मिलावट की जाती है। इसमें कई ऐसी कई कीमती धातु को मिलाया जाता है, जिसके बाद यह इस रंग का बनता है।

यह दोनों एक दूसरे से काफी अलग होते हैं। इसके रंग के अलावा इसमें मिलाने वाले धातु भी अलग होते हैं। यह सामान्य सुनार की दुकान पर उपलब्ध नहीं होता है। इसकी वजह है कि यह काफी लग्जरी और एसथेटिक होता है। कई लोग इसकी सादगी और रंग की वजह से पसंद करते हैं तो वहीं कई इसकी कीमत की वजह से इसे पसंद करते हैं। अगर आप भी इन दोनों में से कुछ खरीदने का सोच रहे हैं तो आपको एक बार देख लेना चाहिए कि आपके लिए इनमें से कौन-सा बेहतर है।

रोज गोल्ड के नाम से ही समझ आता है कि इसका रंग गुलाब जैसे हल्का पिंक होगा। इसमें 75 फीसदी शुद्ध सोना होता है। इस गोल्ड में जो गुलाबी रंग आता है वह गोल्ड के साथ कॉपर और सिल्वर की मिलावट करने की वजह से आता है। जब गोल्ड में कॉपर मिलाया जाता है तो यह एक तरह से गुलाबी रंग का इफेक्ट देता है। इसके अलावा यह ज्वैलरी को डिजाइन करने में भी मदद करता है। अगर इसमें ज्यादा कॉपर मिला दिया जाए तो गोल्ड का रंग डार्क पिंक हो जाएगा।

अब रोज गोल्ड में कलर हल्का हो या फिर डार्क इस बात पर निर्भर करता है कि डिजाइनर को कैसा कलर चाहिए।

व्हाइट गोल्ड में भी प्योर गोल्ड को मिलाया जाता है। इसमें गोल्ड के साथ  और जैसे मेटल मिलाए जाते हैं। इस गोल्ड में जो रैडिएंट ग्लो आता है वह की प्लेटिंग के कारण आता है। इसके अलावा व्हाइट गोल्ड बेहद टिकाऊ मानी जाती है। यह धातु सिल्वर और प्लेटिनम को रिप्रजेंट करती है। यह एक तरह का कीमती रत्न जैसी लगती है।

व्हाइट गोल्ड का इस्तेमाल डायमंड के साथ किया जाता है। यह सगाई की अंगूठी या फिर डायमेंड बेस्ड ज्वैलरी में अधिक किया जाता है। बता दें कि व्हाइट गोल्ड का निर्माण कुछ सालों पहले ही हुआ था। जबकि, रोज गोल्ड काफी पुराना है पर बीच में यह आउट ऑफ फैशन हो गया था।
व्हाइट गोल्ड और रोज गोल्ड के रंग के साथ ही इसकी कीमत में भी काफी अंतर है। हालांकि, इन दोनों के दाम इनके कारटेज पर निर्भर करता है। इन दोनों गोल्ड के दाम इस बात पर निर्भर करता है कि इन दोनों में कौन-से मेटल को मिलाया गया है। रोज गोल्ड में कॉपर मिलाया जाता है, जिसकी वजह से इसकी कीमत व्हाइट गोल्ड की तुलना में काफी कम रहती है। इसके बावजूद एक्सपर्ट रोज गोल्ड की जगह व्हाइट गोल्ड को काफी अच्छा ऑप्शन मानते हैं।
अब ऐसे में सवाल आता है कि इन दोनों में से आपके लिए कौन-सा बेहतर ऑप्शन है। इन दोनों की प्रॉपर्टी काफी अलग है। ऐसे में आपको सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखकर इसे खरीदना चाहिए। हमन आपको ऊपर इमेज में रोज गोल्ड और व्हाइट गोल्ड के फैक्टर्स के बारे में बताया है। इन सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखने के बाद ही इसे खरीदें।
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