फेस्टिवल सीजन में ज्वैलरी की डिमांड बढ़ जाती है। अब गोल्ड और सिल्वर के अलावा अब रोज गोल्ड और व्हाइट गोल्ड भी अच्छा ऑप्शन हो गया है। वैसे तो यह गोल्ड से महंगा होता है। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि व्हाइट गोल्ड और रोज गोल्ड में क्या अंतर है और आपके लिए कौन-सा बेहतर ऑप्शन रहेगा।
- White Gold और Rose Gold एक दूसरे से काफी अलग है।
- इन दोनों की कीमत कैरेट और प्योरिटी पर निर्भर करती है।
फेस्टिवल सीजन में ज्वेलरी खरीदना लोगों को पसंद आती है। दरअसल, भारत में ज्वेलरी की खरीदारी काफी शुभ मानी जाती है। इसके अलावा महिलाओं को ज्वेलरी की शॉपिंग करना काफी पसंद है। ज्वेलरी शॉपिंग की बात आती है तो हमारे ध्यान में गोल्ड, सिल्वर और डायमंड आता है। इसके अलावा भी अब दो मेटल काफी पॉपुलर हो रहे हैं। हम बात कर रहे हैं व्हाइट गोल्ड और रोज गोल्ड की। इन दोनों गोल्ड को काफी लग्जरी, एस्थेटिक माना जाता है।
कई लोग इन दोनों गोल्ड को लेकर काफी कन्फ्यूज होते हैं। हम आपको इन दोनों के अंतर के साथ बताएंगे कि आपके लिए कौन-सा बेहतर ऑप्शन रहने वाला है।
गोल्ड के कई भी कई प्रकार होते हैं। जो सामान्य सुनार के पास गोल्ड मिलता है वो प्योर गोल्ड होता है। जी हां, हालांकि इसमें भी मिलावट करने के बाद ही ज्वैलरी तैयार की जाती है। वहीं, जो रोज गोल्ड और व्हाइट गोल्ड होता है उसमें भी सोने के साथ मिलावट की जाती है। इसमें कई ऐसी कई कीमती धातु को मिलाया जाता है, जिसके बाद यह इस रंग का बनता है।
यह दोनों एक दूसरे से काफी अलग होते हैं। इसके रंग के अलावा इसमें मिलाने वाले धातु भी अलग होते हैं। यह सामान्य सुनार की दुकान पर उपलब्ध नहीं होता है। इसकी वजह है कि यह काफी लग्जरी और एसथेटिक होता है। कई लोग इसकी सादगी और रंग की वजह से पसंद करते हैं तो वहीं कई इसकी कीमत की वजह से इसे पसंद करते हैं। अगर आप भी इन दोनों में से कुछ खरीदने का सोच रहे हैं तो आपको एक बार देख लेना चाहिए कि आपके लिए इनमें से कौन-सा बेहतर है।
रोज गोल्ड के नाम से ही समझ आता है कि इसका रंग गुलाब जैसे हल्का पिंक होगा। इसमें 75 फीसदी शुद्ध सोना होता है। इस गोल्ड में जो गुलाबी रंग आता है वह गोल्ड के साथ कॉपर और सिल्वर की मिलावट करने की वजह से आता है। जब गोल्ड में कॉपर मिलाया जाता है तो यह एक तरह से गुलाबी रंग का इफेक्ट देता है। इसके अलावा यह ज्वैलरी को डिजाइन करने में भी मदद करता है। अगर इसमें ज्यादा कॉपर मिला दिया जाए तो गोल्ड का रंग डार्क पिंक हो जाएगा।
अब रोज गोल्ड में कलर हल्का हो या फिर डार्क इस बात पर निर्भर करता है कि डिजाइनर को कैसा कलर चाहिए।
व्हाइट गोल्ड में भी प्योर गोल्ड को मिलाया जाता है। इसमें गोल्ड के साथ और जैसे मेटल मिलाए जाते हैं। इस गोल्ड में जो रैडिएंट ग्लो आता है वह की प्लेटिंग के कारण आता है। इसके अलावा व्हाइट गोल्ड बेहद टिकाऊ मानी जाती है। यह धातु सिल्वर और प्लेटिनम को रिप्रजेंट करती है। यह एक तरह का कीमती रत्न जैसी लगती है।