आपने कई लोगों को कछुए की अंगूठी पहने देखा होगा। यह केवल फैशन के लिए नहीं पहनी जाती, बल्कि इसे नियमों के अनुसार, धारण किया जाए, तो इससे साधक को जीवन में काफी लाभ देखने को मिल सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस अंगूठी को धारण करने से संबंधित कुछ नियम। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कर्क, वृश्चिक, कन्या, और मीन राशि के जातकों के लिए कछुए की अंगूठी पहनना ज्यादा शुभ माना गया है। वहीं रत्न शास्त्र में यह माना गया है कि मकर और वृषभ राशि के लोगों के लिए कछुए की अंगूठी धारण करना शुभ होता है।
अंगूठी पहनने से पहले उसे गंगाजल और दूध में डुबोकर शुद्ध कर लें। इसके बाद इस अंगूठी को माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें और विधिवत रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। इस दौरान श्री सूक्त का पाठ भी करें। इसके बाद अंगूठी को सीधे हाथ में मध्यमा (बीच वाली उंगली) या फिर तर्जनी उंगली (अंगूठे के साथ वाली उंगली) में पहनें। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि कछुए का मुख आपकी तरफ होना चाहिए।
चांदी से बनी कछुए की अंगूठी ज्यादा शुभ मानी जाती है। इसी के साथ शुक्रवार के दिन इस अंगूठी को धारण करना शुभ माना गया है। इससे साधक पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। अगर आप नियमों के अनुसार, कछुए की अंगूठी को धारण करते हैं, तो इससे आपको जीवन में कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। इससे जातक का मन शांत बना रहता है। साथ ही इस अंगूठी को धारण करने से जीवन में आ रही बाधाएं भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं और जातक के लिए उन्नति के योग बनने लगते हैं।