नई दिल्ली। तृप्ति डिमरी के लिए साल 2025 की शुरुआत फिल्मों के नजरिए से बिल्कुल भी अच्छी नहीं रही है। पहले उनके हाथ से अनुराग बसु की ‘आशिकी-3’ निकल गई, जिसकी वजह उनके जरूरत से ज्यादा बोल्ड सीन्स बताए गए और अब उनकी आगामी फिल्म ‘धड़क-2’ की रिलीज पर तलवार लटक रही है। बीते साल करण जौहर ने तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी स्टारर फिल्म ‘धड़क-2’ की घोषणा की थी।
ये फिल्म पहले बीते साल नवंबर में ही रिलीज होने वाली थी, लेकिन निजी कारणों के चलते धड़क 2 की रिलीज डेट टाल दी गई। इसके बाद शाजिया इकबाल के निर्देशन में बनी इस फिल्म को मेकर्स ने फरवरी 2025 में रिलीज करने का मन बनाया, लेकिन उनका ये प्रयास भी असफल रहा। बाद में ये खबर आई कि होली पर मूवी सिनेमाघरों में आएगी, लेकिन मेकर्स के इस प्लान पर भी पानी फिरता दिखाई दे रहा है, क्योंकि अब तक सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेट (CBFC) की तरफ से ही मूवी को पास नहीं किया गया है। क्या है इसकी वजह चलिए जानते हैं:
सीबीएफसी में क्यों अब तक अटकी है धड़क 2
बॉलीवुड हंगामा की एक खबर के मुताबिक, तृप्ति डिमरी और सिद्धांत चतुर्वेदी की फिल्म ‘धड़क-2’ को अब तक सेंसर बोर्ड की तरफ से क्लीन चिट नहीं मिली है। इसकी वजह है फिल्म का कंटेंट। रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि फिल्म की कहानी जातिवाद से जुड़े मुद्दों को दर्शाती फिल्म है, जिसका अंदाजा आपको फिल्म के अनाउंसमेंट पोस्टर से भी हो जाएगा।
CBFC की एग्जामिनिंग कमेटी और सेंसर बोर्ड मेंबर्स ने इस तरह का सब्जेक्ट चुनने के लिए मेकर्स की सराहना भी की। हालांकि, सीबीएफसी इस बात को लेकर अभी भी दुविधा में है कि वह फिल्म को क्या रेटिंग दे और जरूरत पड़ने पर कौन से सीन्स फिल्म से हटाए जाएं, ताकि किसी भी तरीके का विवाद खड़ा न हो।
तमिल फिल्म का हिंदी रीमेक है धड़क-2
रिपोर्ट्स की मानें तो धड़क 2 तमिल फिल्म परियेरुम पेरुमल का हिंदी रीमेक है। ऐसा कहा जा रहा है कि फिल्म की कहानी लगभग सेम है। परियेरुम पेरुमल का निर्देशन मारी सेल्वराज ने किया था। फिल्म में जातिगत भेदभाव, सामाजिक अन्याय और दलित समुदाय के संघर्षों को दर्शाया गया है।
Pariyerum Perumal को उसकी दमदार कहानी, बेहतरीन निर्देशन और वास्तविकता को दर्शाने के लिए तारीफ मिली थी। इसे दर्शकों और समीक्षकों से जबरदस्त सराहना मिली थी। अब देखना है कि कब तृप्ति डिमरी की फिल्म को सीबीएफसी से हरी झंडी मिलती है और कब मूवी सिनेमाघरों में दर्शकों तक पहुंचती है।