अमेरिका की राजनीति में अक्सर धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाज़ी सुर्खियों में रहती है। हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी से जुड़े एक नेता ने ऐसा ही विवादित बयान दिया है, जिसने भारत समेत पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। इस नेता ने भगवान हनुमान को “फर्जी भगवान” कह डाला और अमेरिका को “ईसाई राष्ट्र” बताने की बात कही।
इतना ही नहीं, इससे पहले भी वह मुस्लिमों को लेकर कई बार आपत्तिजनक बयान दे चुके हैं। उनकी यह बयानबाज़ी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोग इसे धार्मिक भावनाओं पर हमला मान रहे हैं।
भारत में गुस्से की लहर
भगवान हनुमान को लेकर दिए गए इस बयान पर भारत में नाराज़गी साफ़ देखी जा रही है। हिंदू संगठनों ने इसे सीधा-सीधा आस्था पर चोट बताया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगातार लोग ट्रंप की पार्टी और इस नेता की आलोचना कर रहे हैं।
अमेरिका में धर्म और राजनीति
अमेरिका को संवैधानिक रूप से धर्मनिरपेक्ष देश माना जाता है, लेकिन वहां अक्सर नेता ईसाई राष्ट्रवाद का झंडा उठाते नज़र आते हैं। ट्रंप की पार्टी के कई नेता खुलकर ईसाई धर्म को प्राथमिकता देने की वकालत करते रहे हैं। इस बार हनुमान को लेकर आया बयान भारतीय मूल के लोगों और हिंदू समुदाय के लिए बेहद संवेदनशील साबित हुआ है।
मुस्लिमों पर पहले भी दिए विवादित बयान
यह कोई पहली बार नहीं है जब इस नेता ने विवादित टिप्पणी की हो। इससे पहले भी उन्होंने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए नफरत भरे बयान दिए थे। उनकी सोच और बयानबाज़ी को कट्टरपंथी बताया जा रहा है।
निष्कर्ष
धर्म और राजनीति का यह संगम हमेशा से ही संवेदनशील मुद्दा रहा है। एक तरफ जहां अमेरिका खुद को विविधताओं वाला देश कहता है, वहीं दूसरी ओर उसके नेता बार-बार धार्मिक कट्टरता को हवा देते नज़र आते हैं। भगवान हनुमान को लेकर आया यह विवादित बयान आने वाले दिनों में दोनों देशों की राजनीति और कूटनीतिक रिश्तों पर भी असर डाल सकता है।