रविवार को चंद्रमा कुंभ राशि में गोचर करेगा. साथ ही कल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है और इसी तिथि पर रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा. रवि प्रदोष व्रत के दिन सूर्य से अत्यंत दुर्लभ एवं प्रभावशाली वेशि योग बन रहा है, वेशि योग के साथ सुकर्मा योग और श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, इसलिए 15वें दिन का महत्व है. सितंबर में भी बढ़ोतरी हुई है.
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, रवि प्रदोष व्रत के दिन मिथुन, सिंह, तुला, धनु और कुंभ राशि वालों के लिए शुभ योग बन रहा है. इस राशि के जातकों को कल दोस्तों और लव पार्टनर से मिलने का मौका मिलेगा और धन लाभ हो सकता है. राशियों के साथ कुछ ज्योतिषीय उपाय भी बताए गए हैं, इन उपायों को करने से कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति मजबूत होगी और प्रदोष तिथि होने के कारण इन 5 राशियों को भगवान की कृपा भी प्राप्त होगी. सूर्य भगवान के साथ भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलेगा.
वेशि योग को ज्योतिष शास्त्र में एक अत्यंत दुर्लभ और अत्यधिक प्रभावशाली ग्रह संयोग माना जाता है. वैदिक ज्योतिष में, वेशि योग तब होता है जब चंद्रमा के अलावा कोई अन्य ग्रह सूर्य से दूसरे घर में स्थित होता है. यह विशेष स्थिति संबंधित ग्रहों की ऊर्जाओं के कारण एक गतिशील प्रभाव पैदा करती है, जो किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकती है.