ज्यादातर भारतीयों के दिन की शुरुआत एक कड़क कप चाय से होती है। दूध के साथ चीनी अदरक और इलायची जैसे मसालों से मिलकर तैयार इस स्वादिष्ट पेय की खुशबू ही लोगों को अपना दीवाना बना देती है लेकिन क्या आपको मालूम है कि इसकी खोज सोच समझकर नहीं बल्कि एक गलती से हुई थी। जी हां आइए इसका दिलचस्प इतिहास जानते हैं।
- एक कप चाय के साथ कई लोग अपने दिन की शुरुआत करते हैं।
- सिरदर्द या थकान होने पर भी लोग चाय का लुत्फ उठाना पसंद करते हैं।
- चीन से चाय का सफर शुरू हुआ और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फैल गया।
इसमें कोई शक नहीं है कि चाय भारत की रगों में दौड़ती है। एक औसत भारतीय के लिए, दिन की शुरुआत एक गर्म कप चाय के बिना अधूरी-सी रहती है। घर से निकलते समय एक कप, ऑफिस पहुंचकर एक कप और फिर शाम को थकान मिटाने के लिए एक कप ‘चाय’ हर पल हमारे साथ रहती है।
भारतीय चाय का स्वाद इतना अनूठा है कि इसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। यह सिर्फ एक पेय नहीं है, बल्कि अपने आप में एक अनुभव है। आजकल तो भारत की मसाला चाय दुनिया भर में मशहूर हो चुकी है। कई देशों में, “चाय” शब्द का मतलब ही भारतीय शैली की चाय हो गया है।
यह बात सुनकर आपको हैरानी होगी कि भारत में चाय की लोकप्रियता इतनी पुरानी नहीं है। कुछ दशक पहले तक, कई भारतीयों ने चाय का स्वाद तक नहीं चखा था। ब्रिटिश शासन के दौरान चाय भारत आई थी और तब से इसमें कई बदलाव हुए। आज यह भारतीय चाय के नाम से दुनिया भर में पहचानी जाती है। आइए इस आर्टिकल में पढ़ते हैं इस स्वादिष्ट पेय का दिलचस्प इतिहास।