सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। इस शास्त्र के माध्यम से यह जानकारी मिलती है कि घर में किस स्थान पर कौन-सा सामान रखना चाहिए। इसके साथ ही भूमि खरीदारी, गृह निर्माण और गृह प्रवेश के समय भी वास्तु नियमों का पालन किया जाता है। वास्तु नियमों का पालन करने से जीवन में सुख और शांति बनी रहती है। वहीं, अनदेखी करने से गृह की सुख-शांति छीन जाती है। साथ ही जीवन में नाना प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी गृह निर्माण हेतु भूमि खरीद रहे हैं या निवास हेतु घर खरीद रहे हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
- वास्तु जानकारों की मानें तो धार्मिक स्थल के सामने घर नहीं खरीदना चाहिए। धार्मिक स्थल के समीप भूमि नहीं खरीदनी चाहिए और न ही घर बनाएं। अनदेखी करने से व्यक्ति को वास्तु दोष लगता है।
- जब कभी गृह निर्माण हेतु भूमि खरीदें या निवास हेतु घर खरीदें तो एक चीज सुनिश्चित कर लें कि आसपास कोई श्मशान घाट न हो। अनदेखी करने से व्यक्ति को जीवन भर परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- भूमि के सामने या घर के सामने कचरे का ढेर नहीं होना चाहिए। अगर घर के समीप कचरे का ढेर रहता है, तो घर में दरिद्रता आती है। इसके साथ ही घर का कोई न कोई सदस्य हमेशा बीमार रहता है। अतः इस जगह का परित्याग करना चाहिए।
- भूमि के मध्य में गड्ढा या कुआं रहने वाले स्थान पर भूमि नहीं खरीदनी चाहिए। इस स्थान पर घर बनाने से आर्थिक हानि होती है। इसके लिए ऐसे स्थान पर भूलकर न भूमि खरीदें और न ही घर खरीदें।
- घर की पूर्व या उत्तर दिशा में पहाड़ नहीं होना चाहिए। यह विकास में बाधक माना जाता है। हालांकि, दक्षिण और पश्चिम में ऊंचा स्थान उत्तम माना जाता है।
- पूर्व और उत्तर दिशा की ओर जलाशय होना बेहद शुभ होता है। इससे धन और वंश में वृद्धि होती है। वहीं, पूर्व दिशा में घर का मुख्य द्वार होना उत्तम होता है। इसके लिए घर खरीदते समय इन बातों का अवश्य ध्यान रखें।
- वास्तु जानकारों की मानें तो उत्तर दिशा में कुबेर देव का निवास करते हैं। इस दिशा में पूजा गृह बनाना चाहिए। इसके लिए भूमि खरीदते समय अवश्य ध्यान रखें कि गृह निर्माण के समय पूजा गृह उत्तर दिशा में बनें।
- वास्तु शास्त्र की मानें तो पूर्व और उत्तर दिशा में जल प्रवाह शुभ माना जाता है। इसके लिए भूमि खरीदते समय जल प्रवाह का भी ध्यान रखें। अन्य दिशा में जल प्रवाह से घर के स्वामी को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।