अयोध्या. रामनगरी के दीपोत्सव ने अयोध्या के कुम्हारों का जीवन बदल दिया है. कभी रोजी-रोटी के लिए परेशान दिखने वाले कुम्हार अब दीपोत्सव के दौरान ही एक-एक लाख रुपये कमा लेते हैं. दीपोत्सव शुरू होने के बाद कुम्हार परिवार के युवा बाहर जाने के बजाय अब इलेक्ट्रिक चाक घुमाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. जयसिंहपुर गांव में दीपोत्सव को लेकर व्यापक तैयारियां शुरू हो गई हैं.बता दें कि 2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही सर्वप्रथम अयोध्या को सजाने-संवारने का बीड़ा उठाया. इसके बाद भगवान राम के वनवास से लौटकर आने की खुशी में मनाई जाने वाली दीवाली ओर दीपोत्सव कराने का ऐलान कर दिया. हर वर्ष राम की पैड़ी पर इसका आयोजन होता है. इस दौरान लाखों की संख्या में दीप प्रज्ज्वलित होते हैं. दीयों की खरीदारी के लिए भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले के कुम्हारों को वरीयता दी. नतीजा यह है कि इन वर्ष दीपोत्सव का आठवां संस्करण होने जा रहा है. कुम्हारों ने बड़ी संख्या में दीयों को बनाने का काम शुरू कर दिया है. इस बार रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं, इसलिए कहा जा रहा है कि आठवां दीपोत्सव और भी भव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने 25 लाख दीपों का जलाने का ऐलान किया है.