2005 में एग्जाम देने वाले अभ्यर्थी आंसर-शीट पाने के हकदार हैं। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, के तहत उत्तरपुस्तिका देने का आदेश दिया है। 19 साल बाद अब छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को आंसरशीट देनी पड़ेगी।
दरअसल, पीएससी की वर्ष 2005 में परीक्षा देने वाले दुर्ग निवासी प्रवीण चंद्र श्रीवास्तव ने लगाया था। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत उन्होंने मुख्य परीक्षा की आंसरशीट की कॉपी देने की मांग की थी।
RTI लगाने के बाद पीएससी के जनसूचना अधिकारी ने इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद राज्य सूचना आयोग में अपील की गई। आयोग ने 2015 में अभ्यर्थी के पक्ष में फैसला सुनाया और PSC को आंसरशीट देने कहा। इसके बाद पीएससी ने इस आदेश को चुनौती दी। 2015 में ही सूचना आयोग के फैसले के खिलाफ PSC हाईकोर्ट पहुंचा था।
इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए फैसलों को आधार बनाया गया। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि, आरटीआई के तहत आंसरशीट हासिल करने की पात्रता है। राज्य सूचना आयोग के आदेश के अनुसार पीएससी मुख्य परीक्षा 2005 के वैकल्पिक विषयों लोक प्रशासन और मानव विज्ञान के सभी 7 प्रश्नपत्रों की आंसरशीट दे।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले के आरोपी पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी बालोद के अर्जुंदा में FIR दर्ज होने के बाद से गायब हैं। उनके पीछे पुलिस समेत तीन जांच एजेंसियां हैं। इस बीच दैनिक भास्कर ने सोनवानी के पैतृक गांव धमतरी के सरबदा जाकर पड़ताल की। सरबदा गांव में उनका आलीशान बंगला, फॉर्म हाउस, 30 एकड़ से ज्यादा जमीन और खेती-बाड़ी है। बड़ी-बड़ी गाड़ियां, पोल्ट्री फार्म, मत्स्य और सुअर पालन का भी कारोबार है।