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Saturday, June 28, 2025

भारत में नहीं, बल्कि इस जगह है मां दुर्गा की सबसे ऊंची मूर्ति, दूर-दूर से भक्त करने आते हैं दर्शन

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नई दिल्ली। Ma Durga’s Tallest Statue in the World: भारत में चारों ओर इस समय दुर्गा पूजा की धूम मची है। मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित इस त्योहार में जगह-जगह देवी के पंडाल लगे होते हैं, जिनमें माता की बेहद खूबसूरत प्रतिमा को विराजित किया जाता है। इस दौरान लोग कई मंदिरों में भी जाते हैं, जहां दुर्गा मां की पूजा अरचना की जाती है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि मां दुर्गा की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा कहां है। अगर आप सोच रहे हैं, भारत की कोई जगह, तो ये जवाब बिल्कुल गलत है। दुर्गा मां की ये प्रतिमा (Mauritius statue Durga ma) भारत से हजारों किलोमीटर दूर Mauritius में स्थित है। ऐसा दावा किया जाता है कि इस प्रकार की ये दुनिया की सबसे ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा है। यहां के मशहूर गंगा तलाब के तट पर स्थित यह विशाल मंदिर, मां दुर्गा और भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में दूर-दूर से भक्तजन दर्शन के लिए आते हैं, जिनका मुख्य आकर्षण यहां बनी मां दुर्गा की मूर्ति है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ये प्रतिमा 108 फीट ऊंची है। इस मंदिर में भगवान शिव की भी 85 फीट ऊंची मूर्ति बनी है।मां दुर्गा की इस मूर्ति का निर्माण साल 2011 में शुरू हुआ था और ये मूर्ति साल 2017 में पूरी हुई। आपको बता दें कि इन मूर्तियों का निर्माण भारतीय मूर्तिकार श्री मातु राम वर्मा द्वारा किया गया था। मां दुर्गा की इस मूर्ति की और भी कई विशेषताएं हैं, जो इसे और अनूठा बनाती हैं।

मूर्ति का निर्माण और विशेषताएं

  • विशाल आकार- दुर्गा प्रतिमा के निर्माण में 2000 मीट्रिक टन कंक्रीट और 400 टन लोहे का उपयोग किया गया है।
  • धार्मिक महत्व- नवरात्रि और शिवरात्रि के दौरान, हजारों श्रद्धालु मंदिर में आते हैं और मां दुर्गा और भगवान शिव की पूजा करते हैं।
  • अद्वितीय अनुभव- कई श्रद्धालु अपने घरों से मंदिर तक नंगे पैर चलकर अपनी भक्ति दिखाते हैं।
  • रिकॉर्ड के लिए आवेदन- मंदिर ट्रस्ट ने गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और लिम्का वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड्स में इन मूर्तियों को शामिल करने के लिए आवेदन किया है।

मॉरीशस का दुर्गा मंदिर विश्व की सबसे ऊंची दुर्गा प्रतिमा के साथ, हिंदू धर्म और संस्कृति का एक अद्भुत उदाहरण है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक संबंधों का भी प्रतीक है। इस विशाल मूर्ति को देखने दूर-दूर से पर्यटक और भक्तजन यहां आते हैं, जो मॉरिशस के पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करता है।

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