पर्सनल लोन सेगमेंट में इन दिनों गोल्ड लोन काफी तेजी से बढ़ रहा है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले सात महीनों में गोल्ड लोन में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 50.4 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। जानकारों का कहना है कि गोल्ड लोन लेने के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखने पर ग्राहक उसे आसानी से चुका भी सकता है और उसका सोना भी उसे सही सलामत वापस मिल जाएगा। गोल्ड लोन की अवधि छोटी होती है। अमूमन यह तीन माह से लेकर तीन साल तक के लिए लिया जाता है।
बड़े बैंक गोल्ड लोन उतारने के लिए इक्विटेड मंथली इंस्टालमेंट (ईएमआई) के साथ एकमुश्त भुगतान का भी विकल्प देते हैं। हालांकि कई एनबीएफसी अभी गोल्ड लोन चुकाने के लिए ईएमआई की सुविधा नहीं दे रहे हैं, लेकिन आरबीआई ने सभी प्रकार की वित्तीय संस्थाओं को लोन चुकाने के लिए ईएमई की सहूलियत देने के लिए कहा है।
अभी आम तौर पर अभी गोल्ड लोन की वापसी छह माह या एक साल के बाद मूलधन और ब्याज दोनों को एकमुश्त चुकाकर किया जाता है। इसे बुलेट पेमेंट विकल्प कहा जाता है। जानकारों का कहना है कि गोल्ड लोन लेने वाला वेतन भोगी है तो उसे लोन चुकाने के लिए ईएमआई का विकल्प चुनना चाहिए।
कई बैंक ईएमआई पर लोन चुकाने पर अधिक अवधि के लिए भी गोल्ड लोन दे देते हैं। जो खुदरा व्यापारी है वह गोल्ड लोन चुकाने के लिए रोज के भुगतान का भी विकल्प चुन सकते हैं। जिनकी कमाई मौसमी (सीजनल) होती है, उन्हें बुलेट पेमेंट विकल्प चुनना चाहिए।
जानकारों का यह भी कहना है कि ईएमआई मासिक कमाई का 40 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। इससे डिफॉल्टर होने का खतरा कम रहता है। वित्तीय सलाहकार फर्म हम फौजी इनिशिएटिव के सीईओ संजीव गोविल कहते हैं कि गोल्ड लोन प्रमुख व नामी वित्तीय संस्थाओं से ही लेना चाहिए। गोल्ड लोन की बढ़ती मांग को देखते हुए छोटी-मोटी कंपनियां भी इस काम में कूद पड़ी है। इस प्रकार की कंपनियां लोन चुकाने के बाद भी सोना वापस लौटाने में ग्राहक को टरकाने की नीति अपनाते हैं।