भाई दूज का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके लिए स्वादिष्ट भोजन तैयार करती हैं। वहीं भाई उन्हें उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का अमिट वादा करते हैं। इस पर्व को को भैया दूज भाऊ बीज भात्र द्वितीया भाई द्वितीया और भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
- भाई दूज का पर्व भाई और बहन के बीच प्यार का प्रतीक है।
- भाई दूज को भातृ द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है।
- भाई दूज पर लोग अपने भाई-बहनों के साथ जश्न मनाते हैं।
सनातन धर्म में भाई दूज का पर्व बेहद खास माना गया है। यह हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह दिन दीपावली के दो दिन बाद और गोवर्धन पूजा के एक दिन बाद आता है। यह पर्व भाई-बहन के बीच प्यार और पवित्र बंधन का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके लिए स्वादिष्ट भोजन बनाती हैं, जबकि भाई उन्हें उपहार देते हैं और उनकी सदैव रक्षा करने का अमिट वादा करते हैं।