अगर आप नई कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं और आपकी पुरानी गाड़ी का इंश्योरेंस नो क्लेम बोनस (NCB) खत्म नहीं हुआ है। जिसकी वजह से आप उसे अपनी नई कार पर ट्रांसफर करने के बारे सोच रहे हैं तो यह इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों को नो क्लेम बोनस तब मिलता है, जब उन्होंने पूरे साल किसी भी तरह का क्लेम फाइल नहीं किया है। वहीं, यह फायदा ओन डैमेज प्रीमियम पर दिया जाता है और इसमें नई पॉलिसी पर बड़ी बचत हो सकती है। जिसे देखते हुए हम यहां पर आपको पुरानी गाड़ी का नो क्लेम बोनस नई कार पर ट्रांसफर करने का तरीका बता रहे हैं।
जब कोई पॉलिसी लेता है तो पहले साल में NCB जीरो होता है, लेकिन अगर आप कोई क्लेम नहीं फाइल करते हैं तो यह हर साल बढ़ता जाता है। पहले सा क्लेम फाइल न करने पर आपके NCB 20 फीसद तक बढ़ जाता है। वहीं, यह दूसरे साल बढ़कर 25 प्रतिशत, तीसरे साल 35 फीसद, चौथे साल 45 फीसद और पांचवें साल 50 फीसदी तक पहुंच जाता है। यह केवल पांच साल तक ही बढ़ता है, जिसकी वजह से आप अपने ओन डैमेज प्रीमियम पर आधी कीमत तक की छूट पा सकते हैं।
- NCB पॉलिसी धारक से जुड़ा होता है। जिसकी वजह से आप इसे अपनी पुरानी गाड़ी से नई कार पर आसानी से ट्रांसफर करवा सकते हैं। यह केवर समान श्रेणी के वाहनों में ही लागू होता है यानी आप पुरानी कार बेचकर नई कार खरीदते हैं तो NCB आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है। हालांकि, यह बाइक से कार या कार से बाइक के बीच ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।
- आपको NCB ट्रांसफर करने के दौरान इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि NCB केवल उसी स्थिति में ट्रांसफर हो सकता है, जब गाड़ी का मालिक वही व्यक्ति हो। अगर गाड़ी का ओनर बदलता है तो NCB ट्रांसफर नहीं हो सकता है। इसलिए जब भी आप अपनी पुरानी गाड़ी बेचें और नई गाड़ी खरीदें तो NCB ट्रांसफर के इस नियम का ध्यान जरूर रखें।
जब आप NCB ट्रांसफर करने जा रहे हैं तो आपको अपनी पुरानी गाड़ी के इंश्योरेंस पॉलिसी को रद्द करना पड़ेगा। इसके बाद आपको इंश्योरेंस कंपनी से एनसीबी प्रमाणपत्र प्राप्त हासिल करना पड़ेगा। इसके साथ ही आपको इस प्रमाणपत्र को नई गाड़ी की इंश्योरेंस पॉलिसी लेते पेश करना पड़ेगा। नो-क्लेम-बोनस को ट्रांसफर करना एक आसान प्रक्रिया है, लेकिन इसे करते समय सतर्कता जरूर रखें।