नई दिल्ली. स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड (MF) स्कीम में इस
साल अब तक औसतन करीब 10 फीसदी की गिरावट आई है. यह 2021 में उनके प्रदर्शन
के बिल्कुल विपरीत है. पिछले साल इक्विटी मार्केट में जबरदस्त उछाल के बीच
इन फंडों ने औसतन 60 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया था. इस साल अब तक बीएसई
सेंसेक्स टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI index) करीब 5 फीसदी नीचे है. वहीं,
बीएसई 250 स्मॉल कैप इंडेक्स करीब 12.5 फीसदी नीचे है. सवाल उठता है कि अभी जबकि मार्केट सबसे खराब स्थिति में है, तो क्या यह
स्मॉल-कैप शेयरों और फंडों के लिए आवंटन (allocation) बढ़ाने का सही समय
है? क्या इस रणनीति से लॉन्ग टर्म में निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता
है? इनका जवाब है कि स्मॉल-कैप फंड बेहद अस्थिर हो सकते हैं. स्मॉल-कैप
फंडों में दो बातों का ध्यान रखना जरूरी है. सबसे पहले, इन फंडों को
प्रदर्शन बहुत अस्थिर (volatile) होता है. उदाहरण के लिए, 2019 में बीएसई
250 स्मॉल कैप इंडेक्स ने करीब 8.5 फीसदी का निगेटिव रिटर्न दिया, जबकि
2020 में करीब 27 फीसदी पॉजिटिव और 2021 में करीब 60 फीसदी रिटर्न दिया.