नई दिल्ली : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी ICAR के पूर्व महानिदेशक एवं पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुब्बन्ना अय्यप्पन, श्रीरंगपटना के निकट कावेरी नदी में मृत पाए गए। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को उनका शव पानी में बहता मिला, जिसके बाद उसे बाहर निकाल लिया गया। पुलिस ने बताया कि वह श्रीरंगपटना में कावेरी नदी के तट पर स्थित साईंबाबा आश्रम में अक्सर ध्यान किया करते थे। पुलिस के अनुसार, उनका दोपहिया वाहन नदी किनारे पाया गया और संदेह है कि उन्होंने नदी में छलांग लगाई होगी। हालांकि, पुलिस ने कहा कि उनकी मौत का कारण केवल जांच से ही पता चल पाएगा।
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बता दें कि 70 वर्षीय अय्यप्पन कृषि और मत्स्य पालन (जलीय कृषि) वैज्ञानिक थे और आईसीएआर का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-फसल वैज्ञानिक थे। अय्यप्पन मैसूर के विश्वेश्वर नगर औद्योगिक क्षेत्र के निवासी थे। वह सात मई से लापता थे, उनके परिवार ने मैसूर के विद्यारण्यपुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वह 7 मई को लापता हो गए थे। भारत की ‘नीली क्रांति’ में अहम भूमिका निभाने वाले अय्यप्पन के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं।
दिल्ली समेत इन शहरों में किया काम
कृषि और मत्स्य पालन के साइंटिस्ट अय्यप्पन ने कई शहरों में काम किया है। इनमें दिल्ली, मुंबई, भोपाल, भुवनेश्वर और बेंगलुरु जैसे शहरों का नाम शुमार हैं। अय्यप्पन पहले ऐसे व्यक्ति थे जो कृषि वैज्ञानिक नहीं थे फिर भी उन्होंने इस संस्था का नेतृत्व किया, जोकि एक बहुत बड़ी बात थी।
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2022 में पद्मश्री से किया गया था सम्मानित
अय्यप्पन को 2022 में पद्मश्री दिया गया था। वह इंफाल की सेंट्रल अग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी रहे। उन्होंने ICAR में 2016 तक काम किया था. इस दौरान साल 2013 में उन्हें राज्योत्सव अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। उनका जन्म 10 दिसंबर 1955 को चामराजनगर जिले में हुआ था।