PhonePe IPO Update:
PhonePe अब शेयर बाजार में कदम रखने की तैयारी में है। कंपनी का मानना है कि आईपीओ से उसे बिज़नेस विस्तार और विकास में बड़ी मदद मिलेगी। इसके लिए फोनपे ने सेबी (SEBI) के पास जरूरी डॉक्यूमेंट भी जमा करा दिए हैं।
डिजिटल पेमेंट सेक्टर की बड़ी कंपनी PhonePe भी अब शेयर मार्केट में उतरने की तैयारी कर रही है। कंपनी आईपीओ के जरिए करीब 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 13,000 करोड़ रुपये) जुटाने का लक्ष्य रख रही है। इस फंडरेज़िंग के बाद फोनपे की वैल्यूएशन लगभग 15 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। फोनपे ने जानकारी दी है कि उसने सेबी (SEBI), बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) के पास आईपीओ के लिए जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए हैं। हालांकि कंपनी ने साफ कहा है कि कागज़ात दाखिल करने का मतलब यह नहीं है कि आईपीओ निश्चित तौर पर आएगा। यह कदम केवल नियामकीय प्रक्रिया का हिस्सा है। गौरतलब है कि फोनपे से पहले Paytm और MobiKwik जैसी डिजिटल पेमेंट कंपनियां भी शेयर मार्केट में एंट्री कर चुकी हैं। अब निवेशकों की निगाहें फोनपे के इस बड़े कदम पर टिकी हुई हैं।
कैसा रहा फोनपे का प्रदर्शन?
फोनपे के वित्तीय नतीजों पर नज़र डालें तो कंपनी का घाटा घटा है। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी का नुकसान 13.4% कम होकर 1,727.4 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल यह 1,996.1 करोड़ रुपये था। राजस्व में मजबूत बढ़ोतरी ने घाटा कम करने में अहम भूमिका निभाई। कंपनी की ऑपरेटिंग रेवेन्यू 40.4% उछलकर 7,114.8 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले 5,064.1 करोड़ रुपये थी।
हालांकि, कंपनी का कुल खर्च भी बढ़ा है। 2024-25 में यह 21.1% बढ़कर 9,394 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। खर्च में बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह पेमेंट प्रोसेसिंग चार्ज और कर्मचारियों की लागत है। पेमेंट सेटलमेंट फीस 44.7% बढ़कर 1,688.1 करोड़ रुपये हो गई, जबकि कर्मचारियों पर होने वाला खर्च 13.6% ज्यादा हो गया।
पेमेंट से आगे बढ़ते हुए
फोनपे अब सिर्फ पेमेंट सर्विस तक सीमित नहीं है। कंपनी ने क्रेडिट, इंश्योरेंस और स्टॉक ब्रोकिंग जैसे नए क्षेत्रों में एंट्री की है। हाल ही में इसे आरबीआई से पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस मिला है, जिससे अब यह ऑनलाइन मर्चेंट पेमेंट सेवाएं भी ऑफर कर पाएगी।
इसके अलावा, कंपनी वेल्थ मैनेजमेंट और ऐप डिस्ट्रीब्यूशन में भी लगातार निवेश कर रही है। साल 2022 में फोनपे ने अपना हेडक्वार्टर सिंगापुर से भारत शिफ्ट कर लिया था और साथ ही IndusOS Appstore का मालिकाना हक भी भारत में ले आई। इसे कंपनी की घरेलू लिस्टिंग की तैयारी का हिस्सा माना जा रहा है।
भारत की बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनी
वॉलमार्ट (Walmart) के सहयोग से 2018 से चल रही फोनपे आज देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनियों में शामिल है। यह गूगल पे और पेटीएम जैसी दिग्गज कंपनियों को सीधी टक्कर देती है। अगर फोनपे का IPO सफल रहता है, तो यह भारत के सबसे बड़े फिनटेक आईपीओ में से एक साबित हो सकता है। इससे यह भी आकलन होगा कि निवेशकों का भरोसा उन टेक्नोलॉजी कंपनियों पर कितना है, जो फिलहाल घाटे में चल रही हैं लेकिन तेजी से ग्रोथ कर रही हैं।
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