कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडिज डॉक्टर से रेप और हत्या मामले में ने कोर्ट में बड़ा दावा किया है। सीबीआई ने कोर्ट में दावा किया कि संदीप घोष और अभिजीत मंडल के मोबाइल में कई राज छिपे हुए हैं। इसपर से पर्दा हटाने में हम लगे हुए हैं। बुधवार (18 सितंबर) को अदालत में दिए गए अपने बयान में कहा गया कि पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पूरी प्रक्रिया पर नज़र रखने के बजाय जानबूझकर घटनास्थल से अनुपस्थित थे। जांच एजेंसी को शक है कि संदीप घोष किसी और से बात कर रहे थे और उसी से आदेश ले रहे थे।
बता दें कि सीबीआई ने अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में दो सितंबर को घोष को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी ने बाद में उनके खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप भी जोड़े थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि पुलिस टीम के क्राइम सीन पर पहुंचने के बाद संदीप घोष अस्पताल पहुंचे। तब तक घोष ने ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल से कई बार बात की थी। सीबीआई ने साफ कहा है कि घोष और मंडल के मोबाइल फोन में कई राज छिपे हैं। इसके अलावा घोष ने अस्पताल के कई अधिकारियों से भी बात की थी। उनके कॉल डिटेल्स की जांच-पड़ताल से जांचकर्ताओं को शक है कि वह किसी और से बात कर रहे थे और आदेश ले रहे थे।
जांच एजेंसी पहले ही आरोप लगा चुकी है कि क्राइम सीन के साथ छेड़छाड़ की गई थी। सीबीआई ने संदीप घोष से कई बार पूछताछ की ताकि यह पता चल सके कि घटना के बारे में पता चलने के बाद उन्होंने क्या कदम उठाए। घोष ने जांचकर्ताओं को बताया कि उन्होंने कई अधिकारियों से बात की और डॉक्टरों का तीन सदस्यीय बोर्ड बनाया। इसका सारा ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया गया और शाम 5 बजे डॉक्टरों के बोर्ड की बैठक बुलाई गई।
ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को तीन दिनों के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है। उन पर 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या से जुड़ी साजिश और सबूतों को नष्ट करने में शामिल होने का शक है। सीबीआई ने पुलिस की ओर से मामले को संभालने के तरीके पर सवाल उठाए हैं।