देश और दुनिया की प्रमुख आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए अपने 70% से अधिक कर्मचारियों को तिमाही परिवर्तनीय भत्ते (QVA) का 100% भुगतान किया। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि दूसरे ग्रेड के कर्मचारियों के लिए QVA भुगतान उनकी संबंधित व्यावसायिक इकाइयों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, जो टीसीएस की तिमाही नीति के अनुसार तय किया जाता है।
चौथी तिमाही में ₹64,479 करोड़ का कुल राजस्व
टीसीएस ने मार्च तिमाही में 1.7% की गिरावट के साथ ₹12,224 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो मुख्य रूप से मार्जिन संकुचन के कारण हुआ। कंपनी ने चौथी तिमाही में ₹64,479 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त किया, जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 5.3% अधिक है। इस तिमाही में टीसीएस ने 625 कर्मचारियों को जोड़ा, जिससे इसकी कुल कर्मचारी संख्या 6 लाख के पार पहुंच गई।
6.07 लाख कर्मचारियों की सैलरी को लेकर कंपनी का बयान
पिछले महीने, जब टीसीएस ने चौथी तिमाही और वित्तीय वर्ष 2025 की आय का ऐलान किया, तो कंपनी ने कहा कि वह अपने 6.07 लाख कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि में देरी करेगी। मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मिलिंद लक्कड़ ने इसे व्यापारिक अनिश्चितताओं का परिणाम बताया, जो आमतौर पर अप्रैल से शुरू होती हैं। हालांकि, कंपनी ने वेतन वृद्धि की तारीख के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
एआई के बारे में टीसीएस का बयान
टीसीएस के कृत्रिम मेधा (एआई) इकाई के वैश्विक प्रमुख अशोक कृष ने हाल ही में कहा कि एआई नई तकनीकों को बढ़ावा देगी और कार्य की प्रकृति को नया आकार देगी। उन्होंने इसे कौशल परिवर्तन के उत्प्रेरक के रूप में देखा, न कि नौकरियों के लिए खतरे के तौर पर।