आजकल बढ़ते प्रदूषण हमारे स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल दिया है। खासकर रेस्पिरेटरी पर इसका सीधा असर पड़ता है। इसलिए इस दौरान अपने फेफड़ों की सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। इसके लिए प्राणायाम एक नेचुरल और असरदार तरीका हो सकता है। प्राणायाम न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत बनाकर हमें प्रदूषण के दुष्प्रभावों से भी बचाता है। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 प्राणायाम के बारे में, जो वायु प्रदूषण से बचाव में हमारी मदद कर सकते हैं।
- कैसे करें- इस प्राणायाम में दाईं नासिका से सांस लेना और बाईं नासिका से छोड़ना शामिल है। फिर इसी प्रक्रिया को उल्टी तरफ से दोहराना होता है।
- फायदे- यह प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, तनाव कम करता है और मन को शांत करता है। नियमित रूप से करने पर फेफड़ों की सफाई होती है और प्रदूषित हवा के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- कैसे करें- इस प्राणायाम में पेट को अंदर की ओर खींचते हुए तेजी से सांस बाहर की ओर छोड़ी जाती।
- फायदे- यह प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत बनाता है, पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और तनाव कम करता है। यह प्राणायाम फेफड़ों से टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और रेस्पिरेटरी सिस्टम को स्वस्थ रखता है।
- कैसे करें- इस प्राणायाम में दोनों कानों को अंगूठे से बंद करके मुंह से ‘मम्’ का उच्चारण करते हुए सांस छोड़ी जाती है।
- फायदे- यह प्राणायाम मन को शांत करता है, तनाव कम करता है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। यह प्राणायाम प्रदूषण के कारण होने वाली चिंता और बेचैनी को कम करने में भी मदद करता है।