नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने देश की स्टार्टअप संस्कृति को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सवाल उठाया, “क्या हम डिलीवरी बॉय और गर्ल बनकर खुश रहेंगे?” उनके इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर उद्योग जगत तक में नई बहस छेड़ दी है।
गोयल ने कहा कि भारत में स्टार्टअप का तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन इस विकास का उद्देश्य केवल लॉजिस्टिक्स और डिलीवरी सेवाओं तक सीमित नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह संकेत दिया कि युवाओं को नवाचार (innovation), अनुसंधान (research) और मूल तकनीक (core technology) के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमारे युवाओं में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। हमें ऐसे स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना चाहिए जो वैश्विक समस्याओं का समाधान करें, देश के लिए तकनीकी आत्मनिर्भरता लाएं और रोजगार के नए अवसर पैदा करें।”
पीयूष गोयल ने भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम की तुलना अन्य देशों से करते हुए कहा कि भारत को केवल सर्विस ओरिएंटेड स्टार्टअप्स से आगे बढ़कर प्रोडक्ट और इनोवेशन आधारित मॉडल को अपनाना होगा। उन्होंने यह भी जोर दिया कि सरकार स्टार्टअप्स को जरूरी सहयोग और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों ने इसे युवाओं को प्रेरित करने वाला बताया, वहीं कुछ ने कहा कि डिलीवरी से जुड़े स्टार्टअप्स ने ही लाखों लोगों को रोजगार दिया है और उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।