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Monday, April 21, 2025

कांग्रेस में बदलाव की बयार: जिलाध्यक्षों से सीधी बात करेंगे राहुल गांधी, बढ़ेगी भूमिका

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दिल्ली के इंदिरा भवन में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के जिला अध्यक्षों से संवाद करेंगे। इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहेंगे।

कांग्रेस संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की कवायद में जुटी है, इसी कड़ी में लगातार बैठकें की जा रही हैं। इससे पहले 27 मार्च को दक्षिण और उत्तर भारत के राज्यों के जिला अध्यक्षों को बुलाया गया था, और अब छत्तीसगढ़, पंजाब समेत हिंदी भाषी राज्यों के जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है।

क्या होगा इस बैठक में खास?

कांग्रेस इस समय संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश कर रही है। लगातार मिली हार के बाद पार्टी नेतृत्व अब जिला अध्यक्षों को और अधिक अधिकार देने और उनकी जिम्मेदारियों को स्पष्ट करने की दिशा में काम कर रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की योजना पर काम चल रहा है। बैठक में जिला अध्यक्षों को संगठन विस्तार के नए टास्क दिए जा सकते हैं।

बैठक का शेड्यूल

  • दोपहर 1:30 बजे: जिला अध्यक्षों को दिल्ली के इंदिरा भवन पहुंचने के निर्देश
  • शाम 3 बजे: राहुल गांधी से संवाद का कार्यक्रम
  • 3 और 4 अप्रैल: कांग्रेस के जिला अध्यक्षों के साथ संवाद का सिलसिला जारी रहेगा। छत्तीसगढ़ के जिलाध्यक्षों से संवाद का कार्यक्रम आज ही रखा गया है।

राहुल गांधी की रणनीति क्या है?

राहुल गांधी कांग्रेस के संगठन को जिलास्तर से लेकर हाईकमान तक फिर से मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके तहत, वे पहली बार सीधे जिलाध्यक्षों से संवाद कर रहे हैं। ताकि पार्टी की ग्राउंड रिपोर्ट सीधे हाईकमान तक पहुंचे। आज छत्तीसगढ़ कांग्रेस के जिलाध्यक्षों से मुलाकात होगी, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहेंगे।

उनकी योजना संगठन में पावर डिस्ट्रीब्यूशन को बैलेंस करने की भी है, ताकि जिलास्तर पर नेताओं को ज्यादा ताकत मिले, लेकिन हाईकमान की पकड़ भी बनी रहे।

बूथ स्तर तक कांग्रेस को मजबूत करने के इस फॉर्मूले से राहुल प्रदेश नेतृत्व के असर को कम करते हुए संगठन की सीधी मॉनिटरिंग करना चाहते हैं। इससे गुटबाजी पर रोक लग सकती है, लेकिन प्रदेश के बड़े नेताओं की भूमिका कमजोर भी हो सकती है

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