गरियाबंद_छोटे से गांव के किसान के बेटे ने पहूंच वेजिटेबल साइंस के ग्रेजुएशन में आल इंडिया रैंक 1 में स्थान बनाया है. गांव के 7 एकड़ फार्म हाउस में तकनीकी खेती करने वाले पिता से प्रेरणा मिली थी. देवभोग तहसील के छोटे से गांव करचिया में किसान कंदर्प नायक का बेटा बाल कृष्ण नायक ने इंडिया काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च संस्थान दिल्ली में वेजिटेबल साइंस पर पोस्ट ग्रेजुएट में आल इंडिया रैंक में पहले नंबर पर अपना स्थान बनाया है. दो दिन पहले ही इसका परिणाम घोषित हुआ है. इस परिणाम के आने के बाद क्षेत्र में सक्रिय कृषक माने जाने वाले पिता कंदर्प और दादा धनीराम नायक ने मिठाई बांट कर खुशी जाहिर कर रहे.
दादा पिता के सब्जी की खेती से लिया प्रेरणा धनीराम 1993 से सब्जी की खेती करते आ रहे हैं, तब के वे पहले किसान थे जो तकनीकी रूप से सब्जी की खेती करते थे. ड्रिप सिंचाई हो या पॉली पद्धति से मिर्ची टमाटर की खेती करना या फिर नेट हाउस में सब्जी की खेती करने में नायक परिवार माहिर था.
2019 में 12वी पास करने वाले बाल कृष्ण का स्कूल की छुट्टी के बाद ज्यादातर समय पिता के साथ सब्जी बाड़ी में बितता था. उनके साथ रह कर ही बालकृष्ण को वेजिटेबल साइंस पढ़ने की प्रेरणा मिली. जगदलपुर एग्रीकल्चर कॉलेज में 2019 तक ग्रेजुएशन करने के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए बाल कृष्ण 2021 में दिल्ली चले गए थे. तीन साल तक टमाटर फील्ड में रिसर्च कर आज भारत में अपने आप को इस बेच का अव्वल साइंटिस्ट साबित कर दिया. बाल कृष्ण अपने क्षेत्र की सेवा करने की इच्छा रखते हैं.