जबलपुर में एक गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज की 70 से ज्यादा छात्राओं को 4 दिन से वॉट्सऐप पर अश्लील वीडियो और मैसेज भेजे जा रहे हैं। गुरुवार को छात्राओं ने इसकी शिकायत कॉलेज प्रिंसिपल और पुलिस से की है। सभी बीए फर्स्ट से लेकर फाइनल ईयर की छात्राएं हैं।
छात्राओं के मुताबिक, उनके वॉट्सऐप पर गंदे वीडियो और मैसेज किए गए। इसके बाद से उनके पास किसी शख्स का वॉयस और वीडियो कॉल आ रहा है। वह खुद को पुलिस इंस्पेक्टर बताकर कहता है- ऐसी चीजें देखती हो, इसकी शिकायत पेरेंट्स से करूंगा। बचना चाहती हो तो पैसे देना होंगे।
ऐसा बताया जा रहा है कि 50 से ज्यादा छात्राओं ने घबराकर 3 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक आरोपी के बताए नंबर पर ऑनलाइन ट्रांसफर किए हैं। पुलिस इसकी जांच कर रही है। कांग्रेस ने इस मामले में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए है।
एक छात्रा के मुताबिक, ‘गुरुवार दोपहर मुझे भी कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम गोरखपुर थाने में पदस्थ एसआई विक्रम गोस्वामी बताया। उसने कहा कि तुम्हारे खिलाफ थाने में शिकायत आई है। तुम्हारे नंबर से किसी को न्यूड वीडियो और फोटो भेजे गए हैं। अब जल्द तुम्हारे घर पर पुलिस आ रही है। जल्द पैसे ट्रांसफर कर दो।’ छात्रा ने इसकी शिकायत कॉलेज मैनेजमेंट से की। कॉलेज में पढ़ने वाली एक और छात्रा का कहना है, दो दिन से मेरे वॉट्सऐप पर भी गंदे वीडियो और फोटो भेजे जा रहे हैं।’
मामले की जानकारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं को लगी, तो वे छात्राओं को कॉलेज और थाने लेकर पहुंचे। छात्राओं ने यहां बताया कि 70 से अधिक छात्राओं को अश्लील वीडियो और फोटो भेजे गए हैं। एक छात्रा ने बताया कि फ्रॉड की धमकी से घबराकर उसने 15 सौ रुपए ट्रांसफर कर दिए।कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि आज ही छात्राओं की शिकायत सामने आई है। कुछ छात्राओं ने डर के कारण पैसे भी दे दिए हैं। इस पूरे घटनाक्रम की शिकायत जबलपुर कलेक्टर, एसपी, महिला थाने और मदन महल थाने में लिखित में दी है। यह भी जांच की जा रही है कि आखिर कैसे छात्राओं के मोबाइल नंबर फ्रॉड तक पहुंचे।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सरोजिनी नायडू गर्ल्स स्कूल (नूतन स्कूल) की छात्राओं ने बुधवार को प्रदर्शन किया। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी और अंदर घुसकर तोड़फोड़ भी की। इस दौरान 15 छात्राएं बेहोश हो गईं। छात्राओं का आरोप है, ‘देर से आने पर स्कूल की HR मैनेजर वर्षा झा उनसे सफाई कराती हैं, घास कटवाती हैं।