बच्चे को पालना और उनकी परवरिश करना बेहद मुश्किल काम है। ऐसे में अक्सर माता-पिता खुद का ध्यान रखना भूल जाते हैं और इसके कारण पेरेंटल बर्नआउट का शिकार हो जाते हैं। पेरेंटल बर्नआउट एक कंडीशन है जिसका माता-पिता की मानसिक और शारीरिक सेहत पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। आइए जानें क्या है पेरेंटल बर्नआउट और इससे कैसे बचें।
- माता-पिता अक्सर बच्चों का ख्याल रखने में खुद का ध्यान नहीं रख पाते।
- पेरेंटल बर्नआउट माता-पिता के लिए एक गंभीर समस्या हो सकती है।
- इससे बचने के लिए कुछ टिप्स को अपनाना जरूरी है।
माता-पिता होना जितना खुशनुमा होता है, उतना ही मुश्किल भी। अपने बच्चे की खुशी और सुरक्षा के लिए हमेशा काम करते रहना, उनकी देखभाल करना और न जाने कितनी ही जिम्मेदार माता-पिता के कंधों पर होती हैं। ऐसे में कई बार पेरेंट्स भी बर्नआउट का शिकार हो सकते हैं, जिसे पेरेंटल बर्नआउट कहा जाता है। यहां हम इसी कंडीशन के बारे में जानेंगे कि यह क्या है और इससे कैसे निपटा जा सकता है।
पेरेंटल बर्नआउट एक ऐसी स्थिति है, जिसमें माता-पिता लगातार। इस कंडीशन में माता-पिता अपने बच्चों की देखभाल करने में नाकाबिल महसूस करते हैं और उनके साथ इमोशनल रूप से जुड़ाव महसूस नहीं करते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जो माता-पिता के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर गहरा असर डाल सकती है।