डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है। पिछले कुछ समय से दुनियाभर में इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। खासतौर पर भारत में इसके मामलों में बीते कुछ वर्षों में चिंताजनक बढ़ोतरी देखने को मिली है। यही वजह है कि भारत दुनियाभर डायबिटीज कैपिटल बन चुका है। यह एक लाइलाज बीमारी है, जिसे दवाओं और खानपान की मदद से कंट्रोल किया जाता है।
पिछले कुछ समय से युवाओं में इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। पारिवारिक इतिहास होने के अलावा अन्य कुछ आदतें भी इस गंभीर बीमारी का कारण बनती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में बताने वाले हैं, तो इन दिनों युवाओं में डायबिटीज का कारण बन रही है। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम में डायबिटीज ओबेसिटी और मेटाबोलिक डिसऑर्डर के क्लीनिकल डायरेक्टर और हेड डॉ. पारस अग्रवाल से जानते हैं ऐसे ही कुछ कारणों के बारे में-
इन दिनों लोगों की सीटिंग जॉब कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बनती जा रही है। ऐसे में लगातार बैठे रहने की आदत लोगों को इस लाइलाज बीमारी का शिकार बना रही है। ऑफिस, घर और बाहर कहीं जाने के लिए गाड़ी का इस्तेमाल सभी इनएक्टिव लाइफस्टाइल को बढ़ावा देते हैं, जिससे डायबिटीज के साथ-साथ थायराइड, हार्ट डिजीज आदि का खतरा बढ़ता है।
रोज की भागदौड़ और वर्कप्रेशर की वजह से लोगों के पास खुद के लिए समय तक नहीं रहता है। ऐसे में अक्सर जल्दबाजी और अन्य कई वजहों से लोग नाश्ता स्किप कर देते हैं या नाश्ता करना भूल जाते हैं। हेल्दी रहने के लिए सुबह का नाश्ता बेहद जरूरी है। ऐसे में अगर आप ब्रेकफास्ट स्किप कर देते हैं, तो दिन में ज्यादा कैलोरी और फैट रिच फूड्स खाते हैं, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
सफेद ब्रेड, सफेद चावल और मैदा जैसे रिफाइंड कार्ब्स इन दिनों ज्यादातर लोगों की डाइट का हिस्सा है। हालांकि, ये सभी फूड आइटम्स सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। रिफाइंड कार्ब्स शरीर को ज्यादा इंसुलिन बनाने करने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।