सेहतमंद रहने के लिए हमेशा से ही फलों को डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह दी जाती है। पोषक तत्वों से भरपूर होने की वजह से यह कई समस्याओं से राहत दिलाते हैं और सेहत को ढेर सारे फायदे पहुंचाते हैं। हालांकि, किसी भी चीज की अति सेहत के लिए हमेशा ही हानिकारक होती है। ऐसा ही कुछ फलों के साथ भी होता है। दरअसल, जरूरत से ज्यादा फलों को खाने से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं भी हो सकती हैं, जिससे ज्यादातर लोग अनजान हैं।ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे क्या होगा अगर आप रोजाना जरूरत से ज्यादा फल खाएंगे। साथ ही जानेंगे इससे क्या नुकसान हो सकते हैं और फल खाने की सही और हेल्दी मात्रा क्या है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि अलग-अलग तरह के फलों को खाने से अलग-अलग फायदे मिलते हैं। ये फल विटामिन, खनिज, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट गुण और फाइबर से भरपूर होते हैं। हालांकि, बहुत ज्यादा मात्रा में इन्हें खाना हानिकारक हो सकता है। दरअसल, फलों में नेचुरल शुगर पाई जाती है और कुछ फलों में कैलोरी भी ज्यादा होती हैं। ऐसे में ज्यादा फल खाने से निम्न समस्याएं हो सकती हैं-
ज्यादातर फलों में बहुत ज्यादा मात्रा में फ्रुक्टोज मौजूद होता है। ऐसे में ज्यादा फ्रुक्टोज इनटेक की वजह से इंसुलिन रेजिस्टेंस, मोटापा और डायबिटीज हो सकती है। साथ ही नियमित रूप से ज्यादा फल खाने से फैट स्टोर हो सकता है, जो ग्लूकोज इनटॉलरेंस और शरीर के सामान्य काम में रुकावट पैदा कर सकता है। इसके अलावा, इससे ब्लड प्रेशर और यूरिक एसिड के लेवल में भी बढ़ोतरी होती है।
बहुत ज्यादा फ्रुक्टोज इनटेक अक्सर इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का कारण बनता है। IBS के कुछ लक्षणों में पेट दर्द, सूजन, अपच, कब्ज और दस्त शामिल हैं। साथ ही बहुत सारे फल खाने की वजह से कुछ में फाइबर की मात्रा ज्यादा होने के कारण बदहजमी भी हो सकती है।आमतौर पर फ्रूट डाइट को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, यह हानिकारक भी हो सकती है, क्योंकि इसमें सिर्प कच्चे फलों को खाया जाता है। इस डाइट में साबुत अनाज, कार्ब्स आदि को खाने से परहेज किया जाता है और सिर्फ कुछ सब्जियों, मेवे और नट्स को खाया जाता है। इसकी वजह से फ्रूट डाइट में प्रोटीन, ओमेगा 3, विटामिन बी, कैल्शियम और आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है। साथ ही यह डाइट डायबिटीज, इंसुलिन रेजिस्टेंस या पीसीओडी और पीसीओएस में भी लिए बेहद अनहेल्दी होती है।