सोने की कीमत में गिरावट का सिलसिला जारी है। भारतीय बाजार में सोना अपने रिकॉर्ड हाई 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम से गिरकर 92,000 रुपये पर पहुंच गया है। ग्लोबल मार्केट में भी सोना लुढ़का है। अप्रैल में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस पहुंचा था। हालांकि, अब यह लुढ़कर 3,140 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया। ग्लोबल ट्रेड वॉर कम होने और सुरक्षित-संपत्तियों की मांग में कमी आने से सोने में यह गिरावट आई है। हालांकि, मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि सोने में अभी और गिरावट आएगी। इस साल सोने में निवेशकों को 2024 और 2025 में अबतक जैसा रिटर्न मिला है, वो आगे मिलने की उम्मीद नहीं है। हां, लंबी अवधि में सोना एक बेहतर निवेश माध्यम बना रहेगा।
अभी इतना सस्ता हो सकता है सोना
ऑल बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन योगेश सिंघल ने इंडिया टीवी को बताया कि इतिहास अपने को दोहरता है। उन्होंने सोने के इतिहास को बताया जब 2013 में सोने में बड़ी गिरावट आई थी। सिंघल ने कहा कि अगर 2013 जैसे हालात बने तो सोना 3230 डॉलर प्रति औंस से टूटकर 1820 डॉलर प्रति औंस तक आ सकता है। इस स्थिति में घरेलू बाजार में सोने की कीमत घटकर 55 से 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम रह जाएगी।
इन 5 कारणों से बदला ट्रेंड
1. भारत-पाकिस्तान तनाव में कमी
12 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा के बाद, क्षेत्रीय तनाव में कमी आई है। इससे निवेशकों ने सोने जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों से दूरी बनानी शुरू की, जिससे मांग में गिरावट आई और कीमतें घटी हैं।
2. अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि
अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड के 4.5% से ऊपर जाने के कारण सोने की कीमतों पर दबाव पड़ा है। डॉलर की मजबूती से सोना महंगा हो जाता है, जिससे इसकी मांग घटती है और कीमतें गिरती हैं।
3. अमेरिका-चीन व्यापार तनाव में कमी
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ कम करने पर सहमति बनने से वैश्विक व्यापार तनाव में कमी आई है। इससे निवेशकों ने जोखिम भरे परिसंपत्तियों की ओर रुख किया, जिससे सोने की मांग में गिरावट आई और कीमतें गिरीं हैं।
4. निवेशकों द्वारा मुनाफावसूली
सोने की कीमतें अप्रैल 2025 में ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गई थीं। अब निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू की, जिससे बाजार में बिकवाली बढ़ी और कीमतों गिर रही हैं।
5. शेयर बाजारों में तेजी
दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी के कारण निवेशकों ने सोने से पैसा निकालकर शेयरों में निवेश करना शुरू किया, जिससे सोने की मांग में गिरावट आई और कीमतें कम हुईं हैं।