विटामिन-डी को अक्सर “सनशाइन विटामिन” भी कहा जाता है, क्योंकि हमारी स्किन के सूरज की रोशनी के कॉन्टेक्ट में आने पर नेचुरली पैदा होता है। यह विटामिन हमारे शरीर के लिए कई जरूरी फंक्शन्स करता है, जैसे कि हड्डियों को मजबूत बनाना, इम्युनिटी को बढ़ावा देना, मूड बेहतर करना और थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखना। हालांकि, विटामिन-डी की कमी दुनिया भर में एक आम समस्या है, खासकर उन जगहों में जहां सूरज की रोशनी कम होती है। इस कमी को दूर करने के लिए, कई लोग विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेना शुरू कर देते हैं। इसके कुछ फायदे जरूर हैं, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह लिए इन सप्लीमेंट्स को लेने से विटामिन-डी टॉक्सिसिटी का रिस्क बढ़ जाता है। आइए जानें इसके क्या नुकसान हो सकते हैं।
- हड्डियों को मजबूत बनाता है- विटामिन-डी कैल्शियम को अब्जॉर्ब करने में मदद करता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनवाता है- विटामिन-डी इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है और ऑटोइम्यून डिजीज के रिस्क को कम कर सकता है।
- मूड को बेहतर बनाता है- विटामिन डी डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। इसलिए इससे मूड बेहतर होता है।
- थायरॉइड हेल्थ के लिए अच्छा है- विटामिन-डी थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखने में भी मदद करता है।
- टॉक्सिसिटी- ज्यादा मात्रा में विटामिन-डी लेने से हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है, जिसके कारण मतली, उल्टी, कमजोरी, भूख न लगना और गुर्दे की समस्याएं हो सकती हैं।
- अन्य दवाओं के साथ इंटरैक्शन- विटामिन-डी कुछ दवाओं, जैसे कि स्टेरॉयड और एंटीसीड्स, के साथ इंटरैक्ट कर सकता है और उनके असर को प्रभावित कर सकता है।
- अन्य स्वास्थ्य समस्याएं- विटामिन डी की कमी के अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे कि किडनी की बीमारी या मलेशिया। इन मामलों में, केवल विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने से समस्या का हल नहीं होगा।
- विटामिन-डी सप्लीमेंट्स लेने से पहले, आपको अपने डॉक्टर से सलाह-मशरवरा करना चाहिए। वे आपके लिए सही खुराक तय करके देंगे और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके लिए ये सप्लीमेंट्स सुरक्षित हैं।
- बुजुर्ग लोग
- गहरे रंग की त्वचा वाले लोग
- जो लोग घर के अंदर अधिक समय बिताते हैं
- जो लोग दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स नहीं खाते हैं
- जो लोग मोटापे से पीड़ित हैं