18.9 C
Raipur
Thursday, January 2, 2025

कार्तिक महीने में कब है भाई दूज? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजन समय

Must read

ज्योतिषियों की मानें तो भाई दूज की तिथि पर यम देवता की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति को जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है। इस तिथि पर यम देवता की विशेष पूजा की जाती है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की ष्ष्ठी तिथि को छठ पूजा मनाई जाती है।

  1. कार्तिक माह में छठ पूजा मनाई जाती है।
  2. दिवाली कार्तिक पूर्णिमा को मनाई जाती है।
  3. धनतेरस त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

हर वर्ष कार्तिक माह में भाई दूज मनाया जाता है। यह पर्व यम देवता को समर्पित है। इस दिन बहनें स्नान-ध्यान के बाद यम देव की पूजा करती हैं। इसके बाद अपने भाई के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और माथे पर तिलक लगाती हैं। इस समय बहनें यम देवता से अपने भाई की लंबी आयु और सुख-सौभाग्य में वृद्धि के लिए कामना करती हैं। वहीं, भाई अपनी बहनों को मन मुताबिक उपहार देती हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 02 नवंबर को संध्याकाल 08 बजकर 20 मिनट तक है। इसके बाद द्वितीया तिथि शुरू होगी। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 02 नवंबर को संध्याकाल 08 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 03 नवंबर को रात 10 बजकर 50 मिनट तक है। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अत: 03 नवंबर को भाई दूज मनाया जाएगा। भाई दूज के दिन तिलक समय दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक है।

भाई दूज के दिन टीके का शुभ समय दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 22 मिनट तक है। इस समय में बहनें स्नान-ध्यान कर यम देवता की पूजा करें। इसके बाद भाई के माथे पर तिलक लगाएं और रक्षा सूत्र बांध सकती हैं। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम देवता अपनी बहन यमुना जी के घर पधारे थे। तत्कालीन समय से हर वर्ष कार्तिक माह में भाई दूज मनाया जाता है।

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि यानी भाई दूज पर शोभन और सौभाग्य का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, दुर्लभ शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अनुराधा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में यम देवता की पूजा करने से सुखों में वृद्धि होती है।

सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 35 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 05 बजकर 34 मिनट पर

चंद्रोदय- सुबह 08 बजकर 07 मिनट पर

चंद्रास्त- दोपहर 06 बजकर 32 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 51 मिनट से 05 बजकर 43 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजे तक

निशिता मुहूर्त – 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

- Advertisement -spot_img

More articles

- Advertisement -spot_img

Latest article