दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इस साल दशहरा का त्योहार 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा. समुद्र मंथन के दौरान,
जब देवताओं और राक्षसों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र का मंथन किया, तो उससे निकले विष को पीकर भगवान शिव ने संसार का कल्याण किया. इसी कारण इन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है. विजयादशमी के दिन नीलकंठ पक्षी का दिखना एक शुभ संकेत माना जाता है. मान्यता है कि नीलकंठ पक्षी के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सफलता मिलती है.
शास्त्रों में दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को बहुत शुभ माना गया है. मान्यताओं के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी दिख जाए तो उस व्यक्ति का घर धन-धान्य से भर जाता है. उस व्यक्ति के सभी कार्य सफल होते हैं. दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दिखना एक शुभ शुरुआत मानी जाती है. यह पक्षी सौभाग्य का प्रतीक है.
एक मिथक है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन शुभ माना जाता है. इस पक्षी को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. पुराणों के अनुसार रावण का वध करने के बाद भगवान राम पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा. इस पाप से मुक्ति पाने के लिए भगवान राम ने भगवान शिव की आराधना की. दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी को देखना शुभ माना जाता है क्योंकि राम को इस पाप से मुक्त कराने के लिए भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रूप में प्रकट हुए थे.