2024-25 समाप्त होने में महज 3 महीने से भी कम समय बाकी है. अगर आप भी टैक्स सेविंग प्लानिंग कर रह हैं तो आपके लिए शानदार मौका है. आपके लिएइक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS म्यूचुअल फंड करेक्ट ऑप्शन हो सकता है. इसने पिछले एक साल में 49 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है.
ELSS यानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम ऐसे म्यूचुअल फंड हैं, जिनमें निवेशकों का पैसा 3 साल के लिए ब्लॉक हो जाता है. म्यूचुअल फंड की इस कैटेगरी में आईटी एक्ट की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. हालांकि शेयर बाजार से जुड़े होने की वजह से इसमें एफडी या एनएससी जैसी छोटी बचतों से ज्यादा जोखिम होता है.
टैक्स सेविंग FD, पब्लिक प्रोविडेंट फंड समेत अन्य टैक्स सेविंग स्कीमों की तुलना में ELSS म्यूचुअल फंड में लॉक-इन अवधि बहुत कम होती है. टैक्स सेविंग FD में निवेशकों का पैसा 5 साल और पब्लिक प्रोविडेंट फंड में 15 साल के लिए लॉक रहता है. वहीं, ELSS म्यूचुअल फंड में निवेशकों का पैसा 3 साल तक ब्लॉक रहता है.
हालांकि, पैसे को ब्लॉक रखने का एक बड़ा फायदा यह है कि यह लंबे समय तक अनुशासित रहकर निवेश को बढ़ावा देता है. इससे आपको भविष्य में संपत्ति निर्माण में मदद मिल सकती है. 3 साल का लॉक-इन खत्म होने का मतलब यह नहीं है कि आपको फंड से बाहर निकलना होगा, आप इसे और आगे बढ़ा सकते हैं.
अन्य इक्विटी फंड की तरह इस कैटेगरी के फंड में भी निवेश करना लंबे समय में ज्यादा फायदेमंद साबित होता है. इसकी वजह यह है कि लंबे समय तक इक्विटी फंड में SIP करने से शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का जोखिम कम हो जाता है. शेयर बाजार के निम्न और उच्च स्तर पर औसत रिटर्न मिलता है और साथ ही चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ भी मिलता है.
इसे निवेश का सबसे अच्छा तरीका कहना भले ही सही न हो लेकिन नियमित आय वाले लोगों जैसे वेतनभोगी लोगों और व्यापारियों के लिए यह निवेश का एक अच्छा तरीका जरूर हो सकता है जिनकी हर महीने एक निश्चित आय होती है. SIP के जरिए निवेश करने से जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ता और लगातार छोटी-छोटी रकम निवेश करके लंबे समय में अच्छी रकम जुटाई जा सकती है.