रायपुर : छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री OP चौधरी ने 1 लाख 65 हजार करोड़ का बजट पेश किया है। इसमें से 74% सरकारी कर्मचारियों, नेताओं को मिलने वाले वेतन भत्ते, योजनाओं के अनुदान और लोगों को दी जाने वाली सब्सिडी में खर्च होगा, यानी करीब 1 लाख 23 हजार 750 करोड़, इन्हीं खर्चों में चला जाएगा। इसके बाद जो बचेगा वो विकास के कामों में लगेगा।
विकास के प्रोजेक्ट और चुनावी वादों को पूरा करने सरकार लोन भी लेगी। इस बार के बजट डेटा के मुताबिक सरकार करीब 23 हजार करोड़ का लोन लेगी। छत्तीसगढ़ की विधानसभा में सरकार की ओर से दिए गए ब्योरे के मुताबिक प्रदेश पर कुल लोन 98 हजार 757 करोड़ रुपए कर्ज है।
राज्य के पास पैसा कहां से आएगा?
मुख्य रूप से राज्य सरकार के पास पैसा शराब की बिक्री, जमीन की रजिस्ट्री, नगर निगमों से मिलने वाले टैक्स, जीएसटी, स्टेट टैक्स से आता है। इनमें से मुख्य आय के रास्ते नीचे लिखे हैं-
- खनीज से 18 हजार करोड़
- नगर निगमों के टैक्स से 1526 करोड़
- GST से 15 हजार 193 करोड़
- स्टेट GST से 15 हजार 611 करोड़
- सीमा शुल्क से 1754 करोड़
- आबकारी-उत्पाद शुल्क से 12 हजार करोड़
- बिजली से 6 हजार करोड़
- लैंड रेवेन्यू से 1 हजार करोड़
- गाड़ियों पर टैक्स से 3 हजार करोड़
- इस तरह के 20 से ज्यादा टैक्स, 23 विभागों, ब्याज से करीब 1 लाख 41 करोड़ रुपए की आय सरकार की होने का अनुमान है।