कोलकाता रेप-मर्डर केस में सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म के मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस थाने के अभिजीत मंडल को गिरफ्तार किया है। दोनों के खिलाफ यह कार्रवाई सबूतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप में किया गया है। संदीप घोष मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में 16 अगस्त से ही की हिरासत में है। वहीं मंडल पर FIR लिखने में देरी करने का भी आरोप है। डॉ. घोष पर इससे पहले ईडी ने भी शिकंजा कसा था।
वहीं रेप केस में अब तक कुल 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी संजय रॉय को वारदात के दूसरे दिन गिरफ्तार किया गया था।
सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर संदीप घोष और पुलिस स्टेशन के पूर्व अधिकारी अभिजीत मंडल को जांच में सहयोग न करने, एफआईआर में देरी और सबूतों से गड़बड़ी के लिए गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले डॉ. संदीप घोष को करप्शन के मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने इस मामले में 150 घंटे से अधिक समय तक उन से पूछताछ की थी और फिर उन्हें करप्शन मामले में गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट में, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस की बैंच को बताया था कि क्राइम स्पॉट को बदल दिया गया है। हालांकि, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल, जो पश्चिम बंगाल सरकार को रिप्रेजेंट कर रहे थे, उन्होंने इससे इनकार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से एफआईआर दाखिल करने में बेवजह की देरी और कोलकाता पुलिस द्वारा रखी गई कॉमन डायरी में कमियों के बारे में पूछा था। सीबीआई ने ताल्हा पुलिस स्टेशन के पूर्व अधिकारी अभिजीत मंडल से इस मामले में कई बार पूछताछ की है और कोलकाता पुलिस पर मामले की गलत तरीके से जांच करने का भी आरोप है। साथ ही कुछ अधिकारी इसीलिए भी जांच के दायरे में हैं क्योंकि उनकी प्रमुख आरोपी संजय रॉय के साथ नजदीकियां सामने आई है।
5 सितंबर को की जांच में सामने आया कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था। ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह सेमिनार हॉल में ही मिला था। हालांकि, कॉलेज स्टूडेंट्स ने इस केस को लेकर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसके चलते रेनोवेशन को वहीं रोक दिया गया।
वहीं पिछले एक महीने से धरने पर बैठे आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक एक बार फिर नहीं हो सकी। डॉक्टर मीटिंग का लाइव प्रसारण करने की मांग पर अड़े रहे। वहीं सीएम ममता इससे हिचकती रहीं और दोनों के बीच बैठक फिर नहीं हो सकी। इससे पहले 13 सितंबर को भी सीएम ममता और जूनियर डॉक्टरों के बीच बैठक टल गई थी। इस हफ्ते यह दूसरी बार था कि मीटिंग नहीं हो सकी।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के साथ बातचीत में हो रही देरी से नाराज़ ममता बनर्जी ने बारिश में उनके घर के बाहर खड़े डॉक्टरों से कहा, “आज आपने कहा कि आप मुझसे मिलना चाहते हैं। मैंने सहमति दी और मैं इंतजार कर रही हूं। कृपया मेरा इस तरह अपमान न करें। इससे पहले मैंने दो घंटे तक आपका इंतजार किया था, लेकिन आप नहीं आए थे। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से कहा कि अगर वे मिलने के लिए तैयार नहीं हैं तो कम से कम घर के अंदर आकर चाय पी लें। हालांकि डॉक्टरों ने उनकी इस विनती का अस्वीकार कर दिया।
बता दें विगत 13 सितंबर 2024 को भी ड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर के साथ नबन्ना के कॉन्फ्रेंस हॉल में होने वाली मीटिंग के लिए ममता बनर्जी दो घंटे तक डॉक्टरों का इंतजार करती रहीं, लेकिन बातचीत की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर डॉक्टर अड़े रहे और कॉन्फ्रेंस हॉल में जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद देर शाम मीटिंग कैंसिल हो गई। इसके बाद एक महीने तक नहीं झुकने वाली ‘दीदी’ ने गुरुवार देर शाम अचानक इस्तीफे की पेशकश कर सभी के चौंका दिया।