संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की आज 69वीं पुण्यतिथि है। इस दिन देश भर में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी जाती है। भारत में जब-जब संविधान और लोकतंत्र की बात होती है तो बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। यही वो दिन है जब भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा कहे जाने वाले अंबेडकर का 1956 में निधन हुआ था। डा. अंबेडकर की महान आत्मा की शांति और उनकी अमूल्य सेवा को सम्मानित करने के लिए महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है।
डॉ. अंबेडकर का जीवन केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। बाबा साहेब के इस दुनिया से चले जाने के बाद भी उनके विचार और कथन लोगों के लिए प्रेरणा से कम नहीं हैं। आइए जानते हैं उनके जीवन से जड़ी उनके प्रेरणादायक और अनमोल विचारों के बारे में-
- सफलता कभी भी पक्की नहीं होती है, असफलता भी कभी अंतिम नहीं होती है, अपनी कोशिश को तब तक जारी रखो, जब तक आपकी जीत इतिहास ना बन जाए।
- अगर आप में गलत को गलत कहने की क्षमता नहीं है तो आपकी प्रतिभा व्यर्थ है, शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।
- मैं एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो महिलाओं ने हासिल की है।
- कानून और व्यवस्था, राजनीतिक शरीर की दवा है, जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।
- जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है।
- जीवन लंबा होने के बजाए महान होना चाहिए।
- उदासीनता एक ऐसे किस्म की बीमारी है ,जो किसी को प्रभावित कर सकती है।
- बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
- समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।
- शिक्षा जितनी पुरुषों के लिए आवश्यक है, उतनी ही महिलाओं के लिए।
- जो लोग स्वतंत्र होते हैं, उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है।
- जीवन का सार उसमें होता है, जो लोग अपने आप को आज़ाद रखते हैं।
- जो लोग सबसे ज्यादा काम करते हैं, वे हमेशा सबसे कम पैसे कमाते हैं।
- समानता के बिना न्याय असंभव है।