शुगर यानी डायबिटीज यह अब एक ऐसी बीमारी है जो हर घर के अंदर दस्तक दे चुकी है। औसतन हर घर का कोई न कोई मेंबर इस बुरी बीमारी से ग्रस्त है। जरूरी नहीं है कि जो लोग बहुत मीठा खाते हैं या खाते थे उनको ही शुगर अपनी चपेट में ले। यह बीमारी हर्मोनल इंबेलेंस की वजह से भी होती है। दूसरा सबसे बड़ा सवाल यह है कि मीठा खाने वालों की ही शुगर नहीं बढ़ रही। बल्कि टेंशन लेने वालों का भी शुगर लेवल बढ़ रहा है।
लगातार टेंशन में रहना और एक ही बात को कई घंटे तक सोचते रहना भी शुगर हाई होने का कारण बन रहा है। भागती दौड़ती जिंदगी में लगातार टेंशन में रहना शुगर के अंकंट्रोल होने की वजह बन रहा है। इसलिए जो लोग दिमाग पर बहुत ज्यादा जोर डालते हैं उनकी शुगर का ग्राफ बढ़ना स्वाभाविक है। शुगर के कंट्रोल होने से मरीजों को अपने शुगर लेवल की अनिश्चितता के बारे में चिंता हो सकती है। यह चिंता टेंशन का कारण बन सकती है। कई बार शुगर जांच कराने के बाद ही मरीज को शुगर की टेंशन हो जाती है। इस टेंशन की वजह से और शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
घर की घरेलू टेंशन शुगर लेवल बढ़ने का बड़ा कारण है। घरेलू टेंशन शुगर का ग्राफ बढ़ता है। बता दें कि तनाव की वजह से कोर्टिसोल हॉर्मोन रिलीज़ होता है। इस वजह से ब्लड शुगर बढ़ता है। वहीं दूसरी तरफ तनाव की वजह से इंसुलिन के ठीक से काम करने में दिक्कत होती है जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि टेंशन की वजह से पैनक्रियाज़ में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है जिससे ब्लड शुगर बढ़ता है.
1. डॉक्टर की सलाह लें: यदि आप शुगर के कंट्रोल होने से टेंशन महसूस कर रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा ना खाएं।
2. खाने का टाइम टेबल जरूर बनाएं : आहार और व्यायाम की योजना बनाने से आप अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं और टेंशन को कम कर सकते हैं। इसलिए आप टाइम टेबल जरूर बनाएं और उसके अनुसार ही डाइट लें।
3. रेगुलर शुगर लेवल की जांच करें: शुगर लेवल की जांच करने से आप अपने शुगर लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं और टेंशन को कम कर सकते हैं। हर दो दिन बाद आप घर में ही शुगर लेवल की जांच करें ताकि आपको अपनी शुगर के बारे में पता चलता रहे।
4. रेगुलर करें एक्सरसाइज : योग और ध्यान करने से आप अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और टेंशन को कम कर सकते हैं। इसलिए रेगुलर एक्सरसाइज करें और जितना हो सके पैदल चलें।