अपने कठोर और कड़े फैसले के लिए जाने जानी वाली मोदी सरकार अब पहले की तरह नहीं रही। केंद्र में सत्ता बचाए रखने और राज्यों के चुनावी चक्कर में मोदी सरकार अब ‘यू-टर्न सरकार’ बन चुकी है। अपने सहयोगी पार्टियों और विपक्ष के दबाव के कारण मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद कड़े फैसले नहीं ले पा रही है। इसी का नतीजा है कि वक्फ बिल, लेटरल एंट्री स्कीम और पेंशन योजना को लेकर यू-टर्न ले चुकी मोदी सरकार अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना अग्निपथ योजना में भी फेरबदल करने की तैयारी में जुट गई है, जिससे युवाओं का गुस्सा न झेलना पड़े।
मीडिया हाउस ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ को डिफेंस सेक्टर से जुड़े सूत्रों ने यह बताया कि केंद्र सरकार अब अग्निवीरों की संख्या बढ़ाने और उनके वेतन के साथ पात्रता में बदलाव को लेकर विचार-विमर्श कर रही है। अग्निपथ स्कीम में मौजूदा व्यवस्था के तहत फिलहाल 25% अग्निवीर ही स्थाई (पक्के) किए जाते हैं। यही वजह है कि योजना से जुड़े इस रिटेंशन फॉर्मूला का बड़े स्तर पर देश में खास विरोध देखने को मिला।
सूत्रों के मुताबिक, भर्ती से जुड़ी योजना के विरोध के कारण केंद्र सरकार अब 25% के आंकड़े को बढ़ाकर 50% करने का मन बना रही है। अगर ऐसा हो गया तब तो ज्यादा अग्निवीर सेवा में परमानेंट हो पाएंगे। यह भी बताया गया कि अग्निवीरों के एनटाइटलमेंट और एमॉलूमेंट्स में भी बदलाव को लेकर सोच-विचार जारी है। रोचक बात है कि चार जून 2024 को आम चुनाव के नतीजों के बाद 13 जून को खबर आई थी कि सचिवों का समूह अग्निपथ योजना की समीक्षा कर रहा है और वह इसे और आकर्षक बनाने की तैयारी में है। हालांकि, 17 जून, 2024 को अग्निपथ योजना को बदलाव के साथ फिर से शुरू करने की खबर (सोशल मीडिया पर सैनिक सम्मान योजना से जुड़ी खबर) को मोदी सरकार ने सिरे से फर्जी करार दिया था। बता दें कि इस वर्ष सितंबर-अक्टूबर महीने में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो रहा है। वहीं अगले वर्ष जनवरी-फरवरी में महाराष्ट्र और झारखंड के साथ ही मई-जून में बिहार में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं। ये तीनों बड़े राज्य है। इन तीनों राज्यों में राज्यसभा सीटों की संख्या अच्छी है। लिहाजा मोदी सरकार कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है।