बाजार नियामक सेबी ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर के अनुसार शेयर बाजार के दोनों मुख्य स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE को अल्टरनेटिव ट्रेडिंग वेन्यू के तौर पर काम करने का आदेश दिया। सेबी के सर्कुलर के अनुसार अब अगर किसी तकनीकी वजह से ट्रेडिंग रूक जाती है तो उसे शिफ्ट कर दिया जाएगा। यह नियम 1 अप्रैल 2024 से लागू होगा।
नए नियम के अनुसार अगर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में कोई तकनीकी दिक्कत आने के कारण ट्रेडिंग रुक जाती है तो बीएसई में लिस्टिड शेयर एनएसई में ट्रेड होंगे। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में किसी शेयर में कोई दिक्कत आती है तो एनएसई के शेयर बीएसई पर ट्रे़ड करेंगे।
सेबी के सर्कुलर के अनुसार एनएसई को बीएसई लिस्टेड शेयरों की रिजर्व लिस्ट बनानी है। इसी तरह बीएसई को भी एनएसई लिस्टेड शेयरों की रिजर्व लिस्ट बनानी होगी। इस लिस्ट बनने के बाद F&O ट्रेडिंग में शेयर और इंडेक्स को ऑफसेट किया जा सकेगा।दोनों स्टॉक एक्सचेंज की ट्रांजैक्शन फीस में बदलाव हुआ है। अब कैश और फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेड के ट्रांजैक्शन फीस बदल गई है।
- एनएसई में कैश मार्केट के लिए 2.97 रुपये/लाख ट्रेडेड वैल्यू फीस है।
- इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में फ्यूचर्स में 1.73 रुपये/लाख ट्रेडेड वैल्यू ट्रांजैक्शन फीस है।
- वहीं, ऑप्शन में ट्रांजैक्शन फीस35.03 रुपये/लाख प्रीमियम वैल्यू है।
- एनएसई में करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रांजैक्शन फीस 0.35 रुपये/लाख ट्रेडेट वैल्यू है।
- करेंसी ऑप्शंस और इंटरेस्ट रेट ऑप्शंस में ट्रांजैक्शन फीस 31.1 रुपए/लाख प्रीमियम वैल्यू है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एक करोड़ टर्नओवर पर करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट में फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट्स में 45 रुपये और ऑप्शंस पर 100 रुपये की ट्रांजैक्शन फीस है।