हलवा सदियों से भारतीयों की जुबान पर राज करता आया है। कहते हैं कि यह ईरान से होते हुए भारत आया और मुगल बादशाहों की रसोई से निकलकर पूरे देश में फैल गया। आलम ये है कि आज यह हर त्योहार और शुभ अवसर का अहम हिस्सा बन गया है। आइए आज आपको इसकी दिलचस्प कहानी के बारे में बताते हैं।
- हलवा एक ऐसा मिष्ठान है जिसने सदियों से भारतीयों के दिलों को जीता है।
- दूध, घी और ड्राई-फ्रूट्स जैसी कई चीजों को मिलाकर यह तैयार होता है।
- कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक इसके अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं।
आप सभी ने किसी न किसी तरह का हलवा तो जरूर खाया होगा। यह सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि एक ऐसी चीज है जिसके साथ बचपन से हमारी कई यादें जुड़ी होती हैं। सर्दियों के मौसम में गाजर का हलवा तो मानो हर घर को महका देता है। दूध, ड्राई फ्रूट्स, मलाई और देसी घी के साथ मिलकर यह जुबान पर ऐसा स्वाद छोड़ता है जिसे चखने के लिए हर कोई गाजर के सीजन का इंतजार करता है।
भारत में हर कोने-कोने में हर त्योहार और शुभ अवसर पर हलवा बनाने का रिवाज सदियों पुराना है। चाहे मेहमानों के स्वागत के लिए सूजी का हलवा हो या फिर मूंग दाल, लौकी और बेसन के हलवे का जिक्र हो। हमारे देश में इस मीठे व्यंजन की ढेरों किस्में पाई जाती हैं। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते हैं कि कहां से आया आपका यह पसंदीदा डेजर्ट और देखते ही देखते कैसे बन गया भारतीय खानपान का एक अहम हिस्सा।