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Saturday, December 7, 2024

विकास दिव्यकीर्ति ने Male loneliness को बताया सबसे बड़ा खतरा, कहा – एक तरह के बच्‍चे ही खुशनसीब

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Male loneliness: क्‍या आप जानते हैं कि किसी भी आयु वर्ग की तुलना में युवा लड़के सबसे ज्‍यादा अकेलेपन से पीड़ित हैं। कहने को युवा पीढ़ी ही सबसे ज्‍यादा टेक्‍नोलॉजी से जुड़ी है और दोस्‍तों से घिरी रहती है। मौज मस्‍ती के मामले में भी ये लोग आगे होते हैं, तो आखिर ऐसी क्‍या वजह है कि टीनएज लड़के अकेलापन महसूस कर रहे हैं। वैसे तो इसकी कई वजह हो सकती हैं। लेकिन विकास दिव्‍यकीर्ति ने एक वीडियाे में इसके जरूरी कारण बताए हैं, जिनमें से फैमिली प्रेशर एक है। अगर आप भी टीनएज बेटे के पेरेंट हैं, तो बेटे के अकेलेपन और इसके पीछे का कारण जानना जरूरी है। तो आइए जानते हैं टीनएज लड़कों में क्‍यों बढ़ रहा है अकेलापन?

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​विकास दिव्‍यकीर्ति के मुताबिक, लड़कों को शुरू से ही सिखा दिया जाता है कि पूरा परिवार उन्‍हें ही संभालना है। पेरेंट्स के पूरे सपने भी उन पर ही टिके हुए हैं। पेरेंट्स भी बार-बार याद दिलाते हैं कि हमारा रिटायरमेंट होना है फिर तम्‍हें ही कमाना है। इसलिए पढ़ाई में पीछे रह जाएं, ये ऑप्‍शन उनके पास नहीं होता। ऐसे में तनाव के साथ अकेलापन बढ़ जाता है।

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दिव्यकीर्ति सर के अनुसार, 13 से 19 साल तक का लड़का सबसे ज्‍यादा तनाव में रहता है। क्‍योंकि ये वही उम्र है, जब बच्‍चे कमाने के लिए पढ़ना या काम करना शुरू कर देते हैं। कहीं न कहीं उन पर परिवार को चलाने का दबाव होता ही है। इस उम्र के बच्‍चे हर किसी से अपनी बातें शेयर नहीं कर पाते, इसलिए अकेलापन महसूस करते हैं।

उनके अनुसार, 13-19 साल के बच्‍चे विद्रोह किस्‍म के होते हैं। इस वक्त उनके मन में कई बातें चल रही होती हैं, जिसका जवाब उन्‍हें नहीं मिल पाता। इसलिए हर पेरेंट को अपने बच्‍चे की भावना को समझना और सपोर्ट करना जरूरी है।

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