शराब पीने के बाद अक्सर हम देखते हैं कि लोग चीजें भूल जाते हैं बेहोश हो जाते हैं और अजीब हरकतें करने लगते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? आइए समझते हैं कि शराब हमारे दिमाग पर किस तरह असर डालती है और कैसे देखते ही देखते शरीर को इसकी लत लग जाती है।
- शराब हमारे दिमाग पर गहरा असर डालती है।
- शराब पीने से याददाश्त भी प्रभावित होती है।
- शराब पीने के बाद कई लोग होश खो देते हैं।
शराब, सेहत और जेब दोनों की चोर है! ये ना सिर्फ शरीर को अंदर से खोखला करती है, बल्कि आपकी जेब को भी खाली कर देती है। साहित्य और सिनेमा हो या फिर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी, आपको शराब के नुकसान से जुड़े ढेरों उदाहरण सुनने को मिल जाएंगे। आपने खुद भी देखा होगा कि शराब के नशे में लोग कैसे अपना संतुलन खो बैठते हैं, भूल जाते हैं कि कुछ देर पहले क्या हुआ था और अक्सर बेवजह हंसने या रोने लगते हैं। ऐसे में, क्या आपको मालूम है कि यह दिमागी सेहत पर किस तरह का प्रभाव डालती है और कैसे किसी व्यक्ति को इसकी लत लग जाती है? आइए जानें।
शराब एक नशीला पदार्थ है जो अत्यधिक मात्रा में सेवन करने पर हानिकारक हो सकता है और इसकी लत लग सकती है। जब हम शराब के बारे में बात करते हैं, तो हमारा मतलब आमतौर पर बीयर, वाइन और अन्य मादक पेय पदार्थों में पाए जाने वाले एथिल अल्कोहल से होता है। ये पेय पदार्थ हमारे शरीर में प्रवेश करने के बाद इंसान को नशे में धुत कर देते हैं।
जब हम शराब पीते हैं, तो दरअसल हम एक खास तरह की शुगर पी रहे होते हैं, जिसे अल्कोहल कहते हैं। इस अल्कोहल का असली नाम इथेनॉल है। ये इथेनॉल बहुत सारी चीजों से बनाया जाता है, जैसे कि अनाज, फल और सब्जियां। इन चीजों में पहले से ही एक तरह की मीठी चीज होती है, जिसे शर्करा कहते हैं। इस शर्करा को खमीर के साथ मिलाया जाता है, जिसके बाद ये खमीर इस शर्करा को खा जाता है और बदले में अल्कोहल बनाता है।
जब हम शराब पीते हैं, तो उसमें एक खास तरह का पदार्थ होता है जिसका नाम इथेनॉल है। यह बहुत छोटा कण होता है जो हमारे शरीर में बहुत आसानी से घुल जाता है, जैसे पानी में चीनी घुल जाती है। चूंकि हमारे शरीर का ज्यादातर हिस्सा पानी से बना होता है। इसलिए यह हमारे शरीर के हर हिस्से में पहुंच जाता है, खासकर हमारे दिमाग में। दिमाग में पहुंचकर यह इथेनॉल हमारे दिमाग के उन हिस्सों को प्रभावित करता है जो हमें सोचने, याद रखने और सही तरह से काम करने में मदद करते हैं। इस वजह से हमें चीजें याद नहीं रहतीं, हम अजीब तरह से बातें करते हैं और कभी-कभी तो हमें कुछ भी याद नहीं रहता कि हमने क्या किया था। इसे ही अल्कोहल ब्लैकआउट कहते हैं।