केला एक ऐसा फल है जो लगभग सभी को पसंद होता है। इसके अलावा, यह पोषक तत्वों का खजाना भी है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, न्यूट्रिशन और फाइबर पाया जाता है जो हमारे शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। हालांकि, मीठा होने के कारण डायबिटीज के मरीजों के लिए केला एक पेचीदा मुद्दा बन जाता है। कई लोग मानते हैं कि केले में मौजूद शुगर के कारण इसे डायबिटीज के मरीजों को नहीं खाना चाहिए, जबकि कुछ लोग इसके फायदों का हवाला देते हुए इसे डायबिटीज के लिए गुणकारी मानते हैं।
तो आइए जानते हैं कि क्या डायबिटीज के मरीज केला खा सकते हैं और अगर हां, तो कितनी मात्रा में।केले में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो ब्लड शुगर को काबू में करने में मदद करता है। फाइबर भोजन को धीरे-धीरे पचने में मदद करता है जिससे ब्लड शुगर में अचानक उतार-चढ़ाव नहीं होता।केला पोटेशियम का एक बेहतरीन स्रोत है जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज के मरीजों में एक आम समस्या है।केले में विटामिन बी6, विटामिन सी और मैग्नीशियम जैसे कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के ओवरऑल हेल्थ को बेहतर बनाने का काम करते हैं।
- केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) मीडियम होता है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए।
- पके हुए केले में कच्चे केले की तुलना में ज्यादा शुगर होती है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को कच्चा या हल्के पीले रंग का केला चुनना चाहिए।
- डायबिटीज के मरीजों के लिए एक दिन में एक छोटा या मीडियम आकार का केला खाना सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, यह व्यक्ति के ब्लड शुगर के स्तर और अन्य फैक्टर्स पर निर्भर कर सकता है।
डायबिटीज के मरीज भी केला खा सकते हैं, लेकिन इस दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए। केले को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह लेना सबसे अच्छा होता है। वे आपको बता सकते हैं कि आपके लिए कितना केला खाना सुरक्षित है और आप इसे अपनी डाइट में कैसे शामिल कर सकते हैं।