दीवाली से पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व का सनातन शास्त्रों के विशेष उल्लेख देखने को मिलता है। शास्त्रों की मानें तो धनतेरस के शुभ अवसर समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। इसलिए धरतेरस पर उनकी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़े नियम के बारे में।
- धनतेरस पर खरदीदारी करना शुभ होता है।
- इस पर्व से दीपोत्सव की शुरुआत होती है।
- भगवान धन्वन्तरि की विधिपूर्वक पूजा होती है।
सनातन धर्म में कार्तिक माह का अधिक महत्व है। इस महीने में कई पर्व मनाए जाते हैं। इनमें धनतेरस भी शामिल है। इस त्योहार से दीपोत्सव की शुरुआत होती है। यह उत्सव 5 दिनों तक चलता है। पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मत है कि सच्चे मन से भगवान धन्वन्तरि की पूजा-अर्चना करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है। साथ ही जातक और उसके परिवार के सदस्यों पर भगवान धन्वन्तरि, मां लक्ष्मी, और भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन कुछ कार्यों को करने से जातक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है और भगवान धन्वन्तरि नाराज हो सकते हैं। ऐसे में आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि धनतेरस के दिन क्या करें और क्या न करें